भारत के 75 वें गणतंत्र दिवस समारोह के तहत कर्तव्यपथ पर 26 जनवरी की इस परेड की तैयारियां , हर साल की तरह , इस बार भी जनवरी आते आते कड़ाके की सर्दी में भी चल रही हैं. अन्य सुरक्षा बलों , अर्द्ध सैन्य बलों व पुलिस संगठनों की तरफ दिल्ली पुलिस की टुकड़ी भी मार्च पास्ट के अभ्यास में जुटी हुई है . दिल्ली पुलिस की इस टुकड़ी में 194 सिपाही और हवलदार महिला पुलिसकर्मी हैं जिनका नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी श्वेता के सुगथन ( ips shweta k sugathan ) कर रही हैं.
दिलचस्प बात यह भी है कि गणतंत्र दिवस परेड ( republic day parade) में शामिल होने वाली दिल्ली पुलिस की इन सभी महिलाओं को यह मौक़ा पहली बार मिला है. दिल्लीन पुलिस के विशेष आयुक्त ( सशस्त्र पुलिस ) रॉबिन हिबू ( ips robin hibu ) का कहना है कि इस बात को लेकर यह पुलिसकर्मी काफी उत्साहित हैं. वैसे आईपीएस अधिकारी श्री हिबू भी पूर्वोत्तर के मणिपुर राज्य के हैं .
दिल्ली पुलिस की इस मार्चिंग टुकड़ी ( marching contingent) की इस बार एक खासियत यह भी रहेगी कि इसके साथ साथ संगीत बजाते हुए चलने वाले 135 सदस्यीय पाइप बैंड की सभी सदस्य भी महिला पुलिसकर्मी हैं और उनका नेतृत्व भी महिला सिपाही रुयंगुनुओ केन्स ( ruyangunuo kense ) कर रही हैं. वह भी पूर्वोत्तर के राज्य ( north east states) से हैं. यूं पिछली बार भी , पहली दफा , दिल्ली पुलिस की महिला पुलिसकर्मियों के पाइप बैंड ने गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया था लेकिन तब इसका नेतृत्व इंस्पेक्टर राजेन्द्र सिंह कर रहे थे.
गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन रक्षा मंत्रालय ( defence ministry) करता है. इसमें हिस्सा लेने वाले बलों को बीते बरस ही निर्देशित किया गया था कि 2024 की परेड में महिलाओं की हिस्सेदारी हो . 26 जनवरी 1950 से ही इस परेड में हर साल दिल्ली पुलिस की टुकड़ी हिस्सा लेती आ रही है और इस दौरान इसकी मार्चिंग टुकड़ी को पुलिस की श्रेणी में 15 बार सर्वश्रेष्ठ मार्चिग टुकड़ी की ट्रॉफी ( best marching contingent trophy ) से सम्मानित होने का गौरव हासिल हुआ है .
दिल्ली पुलिस को आख़री बार यह बेस्ट मार्चिंग के लिए ट्रॉफी 2021 में मिली थी .इस उपलब्धि को हासिल करना आसान नहीं है क्योंकि इसे हासिल करने के लिए पुलिस संगठनों में कॉम्पिटिशन भी खासा होने लगा है. यूं दिल्ली पुलिस ने परेड को बेहतर करने के लिए तरह तरह की कवायद तो की ही है . परेड अच्छी करने के लिए ज़बरदस्त अभ्यास और मेहनत ,वेशभूषा व साज सज्जा में बदलाव के साथ तरह तरह की तकनीक का सहारा भी लिया जाता है.