भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे संजय कोठारी को भारत का केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त (सेन्ट्रल विजिलेंस कमिश्नर-CVC) बनाया गया है. संजय कोठारी को शनिवार की सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण हुआ जिसमें उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू , प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी समेत कुछ और गिने चुने गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे. संजय कोठारी भारत के 18 वें सीवीसी हैं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सचिव रहे संजय कोठारी भारतीय पुलिस सेवा के हरियाणा कैडर के 1978 बैच के अधिकारी हैं. हैरानी की बात है कि सीवीसी का पद जून 2019 से खाली था. सतर्कता आयुक्त शरद कुमार तब से इस ओहदे का कार्यभार देख रहे थे. वैसे इसी साल फरवरी में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली उच्च शक्ति वाली तीन सदस्यीय समिति की उसी बैठक में इस पद के लिए संजय कोठारी के नाम तय कर लिया गया था जिस बैठक में पूर्व संचार सचिव बिमल जुल्का को अगला मुख्य सूचना आयुक्त (CIC – सीआईसी) बनाने का फैसला हुआ था.
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री के अमित शाह के अलावा तीसरे सदस्य के तौर पर बैठक में मौजूद कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने संजय कोठारी के नाम पर ऐतराज़ किया था. कांग्रेस ने तब इस फैसले को लेने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को गैरकानूनी और संविधान विरुद्ध बताते हुए नियुक्ति को रद करने की मांग की थी. केंद्र सरकार के अधिकारियों के आचरण, भ्रष्टाचार आदि पर निगरानी रखने के अलावा सीवीसी जांच के लिए केस केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भेजने का भी फैसला लेने का अधिकार रखता है. इस वजह से भी इसकी अहमियत और रुतबा है.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सीबीआई में विवाद के बाद सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा को सीवीसी की सिफारिश पर हटाया गया था. आलोक वर्मा वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी थे जो दिल्ली पुलिस के कमिश्नर भी रह चुके थे. उस समय केवी चौधरी सीवीसी थे.