भारत में आतंकवाद से ग्रस्त राज्य जम्मू कश्मीर की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक पर बराबर के लोकप्रिय IPS अधिकारी बसंत रथ के ट्रांसफर के बारे में चल रही तरह तरह की चर्चाओं पर मंगलवार को आखिर पूर्ण विराम लग ही गया. सड़कों पर नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों के लिए अपनी मौजूदगी से खौफ़ तक पैदा कर देने वाले बसंत कुमार रथ का तबादला श्रीनगर के मेयर जुनैद अज़ीम मट्टू को सम्बोधित उस ट्वीट के पांच दिन बाद ही हो गया जिसमें रथ ने मट्टू को अपने काम से काम रखने की नसीहत दी थी. रथ के होम गार्ड्स विभाग में तबादले के आदेश आते ही उनके फैन्स ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से प्रतिक्रियाएं शुरू कर दीं. ऐसे ही एक शख्स ने IPS अधिकारी बसंत कुमार रथ के तबादले को सीधा मेयर से हुए विवाद से जोड़ते हुए इतना तक लिख डाला, ‘ मेयर ने श्रीनगर को जीता है और आपने तो दिलों को जीता है’.
![IPS अधिकारी बसंत रथ](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2018/11/IPS-officer-Basant-Rath-3.jpg)
नियमों का पालन करवाने के जुनून में कभी कभी उत्तेजित होकर कार्रवाई करने वाले बसंत कुमार के आलोचक भी कई हैं जो उन्हें घमंडी से लेकर गुंडे तक के विशेषण देते हैं लेकिन यातायात के मामले में सिर्फ 9 महीने में उन्होंने जो काम किया उसका लम्बे समय तक असर रहेगा. जम्मू कश्मीर कैडर के 2000 बैच के IPS अधिकारी बसंत रथ की जगह आलोक कुमार पुरी को जम्मू कश्मीर ट्रैफिक पुलिस का मुखिया बनाया गया है जो 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.
![IPS अधिकारी बसंत रथ](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2018/11/Alok-Kumar-1.jpg)
अपने ही महकमे के अधिकारी हों, नेता हो या कोई और रसूखदार शख्सियत, IPS अधिकारी बसंत रथ के स्टाइल से शायद ही कोई बच के निकल पाता हो. सड़कों पर कभी भी खुद यातायात अभियान का नेतृत्व करने के लिए निकल जाने वाले 45 वर्षीय बसंत रथ की जितनी तेजी क़दमों में है उतनी ही उनकी कलम में रफ़्तार के साथ धार भी है. तंज करने में कभी न चूकने वाले उनके सोशल मीडिया पर लिखी गईं बातें बहुतेरे को चुभती ही नहीं है, कई तो अभद्र भी मानते हैं.
यातायात प्रबन्धन में और सूचना देने के साथ लोगों को जागरूक करने में फेसबुक और ट्विटर का खूब इस्तेमाल करने वाले बसंत कुमार रथ कई बार सोशल मीडिया पर लिखी अपनी बातों से विवाद में आये हैं. श्रीनगर के मेयर जुनैद अज़ीम मट्टू से विवाद भी ट्विटर पर ही हुआ. मेयर जुनैद अज़ीम मट्टू ने श्रीनगर के कुछ हिस्सों में यातायात प्रबन्धन की समीक्षा के साथ कुछ और कदम उठाने की सलाह दी और इसमें ट्रैफिक पुलिस के एसएसपी को भी शामिल किया तो इसके जवाब में बसंत कुमार रथ ने ट्वीट करके जवाब दिया जिसमें उन्होंने मेयर से कहा कि श्रीनगर नगर निगम को जो काम करने चाहिये पहले वो कराएं. बसन्त कुमार रथ का मेयर को ये भी कहना था कि ट्रैफिक मैनेजमेंट उनका क्षेत्र नहीं है और वो इसमें दखल न दें.
8 नवम्बर को शुरू हुए इस ट्विटर विवाद के बाद छुट्टियां खत्म होते ही और सप्ताह के पहले ही कामकाजी दिन सोमवार को उनके स्थानांतरण से सम्बन्धी प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेज दिया गया और मंगलवार को ही इसे मंजूर करके आदेश भी दे दिए गये. मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले बसंत रथ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के भी छात्र रहे हैं.