साम्प्रदायिक दंगे का दंश झेल रही भारत की राजधानी दिल्ली की पुलिस की कमान सम्भालते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में पहले जैसा अमन चैन और साम्प्रदायिक भाई चारे का माहौल कायम करना उनकी पहली प्राथमिकता है. इससे पहले उन्हीं के बैचमेट (1985) अमूल्य पटनायक ने उन्हें जय सिंह रोड स्थित नये पुलिस मुख्यालय में पुलिस कमिश्नर की कुर्सी पर बिठाया. हालांकि एसएन श्रीवास्तव को हाल ही में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल के विशेष महानिदेशक के ओहदे से हटाकर दिल्ली पुलिस का स्पेशल कमिश्नर बनाया गया था और इसके बाद उनको पुलिस कमिश्नर का अतिरक्त कार्यभार सौंपा गया. माना जा रहा है कि उनको कमिश्नर बनाने के आदेश भी जल्द हो जायेंगे.
आधे अधूरे बने नये पुलिस मुख्यालय में दूसरी मंजिल पर पुलिस आयुक्त की कुर्सी पर चंद मिनट रस्मी तौर पर बैठने के बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात की. एसएन श्रीवास्तव ने शान्ति बहाल करने की प्राथमिकता बताने के साथ साथ ये भी कहा कि हालिया दंगों के सिलसिले में ज्यादा से ज्यादा केस विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किये जायेंगे और इनमें जो लोग मरे हैं उनके मामले में धारा 302 के तहत हत्या के केस दर्ज होंगे. यहाँ उन्होंने इतना ही कहा और मीडिया के बाकी सवालों के जवाब नहीं दिए. उन्होंने कहा कि इस वक्त में सिर्फ दिल्ली वालों से शान्ति की अपील की ही बात कहूँगा.
कुछ सेकंड अधिकारियों से बात करने के बाद भूतल पर आये और यहाँ बिल्डिंग के अन्दर ही मुख्य प्रवेश स्थल पर उन्हें सादगी वाला गार्ड ऑफ आनर दिया गया. बारिश के कारण यहाँ ज्यादा तामझाम हो भी नहीं सकता था और वैसे भी दिल्ली के माहौल में किसी सरकारी शानो शौकत की अभी गुंजाइश भी नहीं है. इसके बाद फिर चलते चलते एसएन श्रीवास्तव वहां आये टीवी चैनलों के रिपोर्टर्स से कुछ देर के लिए मुखातिब हुए. इसके बाद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक की.
विदाई पर बोले अमूल्य पटनायक :
यहीं से सजी हुई कार में अमूल्य पटनायक ने रुखसती की. इससे पहले श्री पटनायक को किंग्सवे कैम्प स्थित न्यू पुलिस लाइंस में विदाई परेड में सलामी दी गई. इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री पटनायक ने अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान फ़ोर्स से मिले सहयोग के लिए सबका आभार ज़ाहिर किया. उन्होंने इस बात पर फ़ख्र ज़ाहिर किया कि उन्हें देश की राजधानी की पुलिस का नेतृत्व करने का मौका मिला. उन्होंने कहा, “ये मेरे लिए गौरव और सम्मान का पल है कि देश के एक श्रेष्ठ, अनुशासित एवं प्रतिष्ठित बल से सेवानिवृत्त हो रहा हूँ.”
श्री पटनायक ने हाल ही की हिंसा पर दुःख ज़ाहिर करते हुए हवलदार रतन लाल को श्रद्धांजलि अर्पित की और दंगाइयों से निबटते हुए घायल हुए डीसीपी अमित शर्मा और एसीपी अनुज कुमार और अन्य पुलिसकर्मियों के साहस की सराहना की. उन्होंने कहा, ” मुझे सदा इस बात पर गर्व रहेगा कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और जवानों में ये जज्बा है कि वे नागरिकों की रक्षा करने में प्राणों की आहुति देने में कोई झिझक नहीं रखते”. श्री पटनायक ने दिल्ली पुलिस की कार्यशैली की तारीफ़ की और इसकी तुलना देश विदेश के कई पुलिस संगठनों से करते हए कहा कि दिल्ली पुलिस उनसे बेहतर है. उन्होंने कहा,”दिल्ली पुलिस की ‘रेस्पोंस, रेस्पोंसिबिलिटी और एफिशेंसी’ सबसे उत्कृष्ट होती है.