भारतीय पुलिस सेवा के 1988 बैच के अधिकारी परमबीर सिंह ने शनिवार को मुंबई के 74 वें पुलिस कमिश्नर के तौर पर पदभार ग्रहण किया. महाराष्ट्र कैडर के अधिकारी परमबीर सिंह को शनिवार को सेवानिवृत्त हुए संजय बर्वे की जगह कमिश्नर बनाया गया है. श्री सिंह इससे पहले महाराष्ट्र भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक के तौर पर तैनात थे. वैसे मुंबई का पुलिस कमिश्नर बनने की रेस में परमबीर सिंह के साथ पुणे पुलिस के आयुक्त के वेंकटेशम और 1988 बैच के ही आईपीएस अफसर रजनीश शेठ का भी नाम था.
‘अंडरवर्ल्ड स्पेशलिस्ट’ के तौर पर पहचान बना चुके परमबीर सिंह ने कमिश्नर की कुर्सी सम्भालते हुए कहा कि इस पद पर महान लोग बैठ चुके हैं और सरकार ने मुझे इस पद के लायक समझा, इससे बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं. परमबीर सिंह ने अपनी प्राथमिकताओं का ज़िक्र करते हुए कहा- ‘मैं आगे भी कानून-व्यवस्था की स्थिति को मजबूत रखूंगा. सड़कों पर होने वाले अपराध, महिला सुरक्षा और अंडरवर्ल्ड पर लगाम लगाना मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी.’
आतंकरोधी प्रकोष्ठ एटीएस में आईजी रह चुके परमबीर सिंह मालेगांव ब्लास्ट की जांच के दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आए थे. उस दौरान कहा गया कि सिंह के पास इस मामले की जांच थी और उनके प्रयास से ही प्रज्ञा पर शिकंजा कसा था. वैसे उस वक्त आईपीएस हेमंत करकरे एटीएस के चीफ थे. परमबीर सिंह एटीएस में डीआईजी भी रहे. उससे पहले वे चंद्रपुर और भंडारा में जिला पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं.
संजय बर्वे को दो दफा एक्सटेंशन मिला था :
मुंबई के कमिश्नर के ओहदे से आज सेवानिवृत्त हुए संजय बर्वे 1987 बैच के अधिकारी थे. उनको 31 अगस्त 2019 को रिटायर होना था. उस समय उनको 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया. इसके बाद 30 नवंबर को एक्सटेंशन खत्म होने के बाद एक बार फिर से उन्हें सेवा विस्तार दिया गया. आईपीएस संजय बर्वे को नएगाँव थाने से पुलिस रस्मो रिवाज़ के साथ विदा किया गया. सजे धजे जिस खुले वाहन में वो सवार हुए, उसे पुलिस अधिकारियों ने रस्सी से खींचकर रुखसती की रस्म पूरी की.
कई अहम केस से नाता :
परमबीर को अंडरवर्ल्ड नेटवर्क की गहरी समझ है. 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के एक अभियुक्त को भी उन्होंने पकड़ा था. ठाणे पुलिस कमिश्नर रहने के दौरान उन्होंने ड्रग्स रैकेट केस में बॉलीवुड अदाकारा ममता कुलकर्णी को आरोपी बनाया था. ड्रग्स के केस में चंडीगढ़ के डीआईजी शाजी मोहन को भी गिरफ्तार किया था.
दाऊद इब्राहीम के भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी के वक्त सितम्बर 2017 में परमबीर ठाणे के पुलिस कमिश्नर थे. इकबाल कासकर को बिल्डर से उगाही की धमकी के आरोप में ठाणे की ही क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. परमबीर सिंह ने अपने करियर में अंडरवर्ल्ड से जुड़े कई ऑपरेशन किए.