लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने भारतीय सेना की अंडमान निकोबार द्वीप समूह स्थित एकमात्र एकीकृत कमांड की कमान सम्भाल ली है. उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल पोडाली शंकर राजेश्वर से 1 जून को इस प्रतिष्ठित कमांड का कार्यभार लिया. इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल पांडे पूर्वोत्तर स्थित वास्तविक सीमा रेखा की निगहबानी की ज़िम्मेदारी सम्भाल रही सेना की चौथी कोर के कमांडर थे जिसका मुख्यालय असम के तेजपुर में है.
इन कमांड के प्रमुख बनना अपने आप में किसी भी अधिकारी के लिये न सिर्फ करियर के हिसाब से एक बेहतरीन अवसर भी है बल्कि ये सामरिक रूप से भी महत्व रखता है. भारतीय सेना की 2001 में गठित ये एकमात्र ऐसी कमांड है जिसमें सेना के तीनों अंग समाहित हैं. सैकड़ों द्वीपों वाले इस क्षेत्र की समुद्री सीमा कई देशों से मिलती है. ऐसे में यहाँ से हमेशा सुरक्षा का खतरा बना रहना स्वाभाविक है.
अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे मूलत: महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले हैं. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र रहे जनरल पांडे ने 1982 में कोर ऑफ़ इंजीनियर्स की एक रेजिमेंट बॉम्बे सैपर्स में कमीशन हासिल किया था. उन्होंने कैम्बरले स्थित स्टाफ कॉलेज , मध्य प्रदेश के महू स्थित आर्मी वार कॉलेज और अति प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय में भी अध्ययन किया है. लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के मिशन के लिए विदेश में भी सेवा दी. इस दौरान वह इथोपिया में भी तैनात रहे.
चीन से सटी वास्तविक सीमा रेखा ही नहीं, उन्होंने जम्मू और कश्मीर में भारत – पाकिस्तान के बीच नियन्त्रण सीमा रेखा पर स्ट्राइक कोर और इन्फेंटरी के हिस्से के तौर पर इंजीनियर ब्रिगेड की कमान भी सम्भाली. जनरल पांडे को पश्चिम लदाख में अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में माऊंटेन डिवीजन कमान करने का भी अनुभव है. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे सेना मुख्यालय में सैन्य परिचालन निदेशालय में अतिरिक्त महानिदेशक के पद भी काम कर चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर तरक्की मिलने पर उनको दक्षिणी कमांड का प्रमुख बनाया गया था. लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने 30 दिसम्बर 2018 को लेफ्टिनेंट जनरल गुरपाल सिंह सांघा से तेजपुर स्थित 4 कोर की कमान सम्भाली थी.
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को 30 अप्रैल 2020 को अंडमान निकोबार कमांड का अगला कमांडर इन चीफ नियुक्त कर दिया गया था लेकिन इसकी कमान उन्होंने अब ली है.