लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्ण ने सोमवार को भारतीय सेना की मध्य कमांड की जिम्मेदारी सम्भालने के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ छावनी में स्मृतिका शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद उन्होंने गार्ड आफ आनर का निरीक्षण किया.
राजपूताना राइफल्स में जून 1980 में कमीशन प्राप्त करने वाले जनरल कृष्ण ने 38 साल के अपने उत्कृष्ट सैनिक करियर में भारतीय थल सेना की सभी कमांड में तैनाती का तजुर्बा हासिल किया है. उन्होंने हर ओहदे पर लड़ाकू भूमिका वाली जगह पर तैनाती का अनुभव भी किया.
पंजाब और राजस्थान में मैकेनाइज्ड आपरेशंस से लेकर अत्यधिक ऊंचाई वाले लद्दाख और सिक्किम में सेना का नेतृत्व करना हो या पूर्वी और उत्तरी कमांड में रहते हुए, विदेशी सीमा से घुसपैठ और आतंकवाद से निबटना हो, लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्ण ने सेना के हर क्षेत्र में विशिष्ट काम किया. जनरल कृष्ण को बुरुंडी में संयुक्त राष्ट्र की सेना के प्रमुख के तौर पर नियुक्ति का भी मान प्राप्त है.
जनरल अभय कृष्ण की वीरता, काम के लिए प्रतिबद्धता, जुझारूपन और उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें सरकार और सेना की तरफ से समय समय पर मेडल और सम्मान भी दिए गये. जनरल अभय कृष्ण युद्ध सेवा मेडल, परम विशिष्ठ सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ठ सेवा मेडल से नवाज़े जा चुके हैं.