पिछली बार की तरह इस बार भी उत्तर प्रदेश सरकार समय रहते नए पुलिस प्रमुख के बारे में निर्णय नहीं ले पाई. जिस तरह आईपीएस मुकुल गोयल के पुलिस प्रमुख पद से हटने के बाद तकरीबन साल भर कामचलाऊ डीजीपी से काम चलाया गया वैसे ही इस बार भी देखने में आया है . कार्यवाहक पुलिस प्रमुख के तौर पर काम करते रहे आईपीएस डॉ देवेन्द्र सिंह चौहान के शुक्रवार को सेवानिवृत्त होने पर अब भारतीय पुलिस सेवा के 1988 बैच के अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा (Rajkumar Vishwakarma)को यूपी पुलिस का कार्यवाहक प्रमुख बनाया गया है . शुक्रवार की शाम राजकुमार विश्वकर्मा ने उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर कार्यभार संभाला.
अजीबो गरीब बात ये है कि पुलिस संगठनों का प्रमुख बनाए जाने को लेकर सरकारों के स्तर पर अनिश्चितता कायम रखने का ये सिलसिला पिछले कुछ वर्षों से लगातार चल रहा है. हैरानी की बात ये भी है कि ऐसा ट्रेंड उत्तर प्रदेश ही नहीं केन्द्रीय पुलिस संगठनों , दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र , पंजाब आदि जैसे कुछ राज्यों में भी दिखाई दे रहा है. ये तो तब है जबकि पुलिस प्रमुख जैसे ओहदे पर अधिकारी की तैनाती को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के बाद नीति बनी हुई है और नियम कायदे भी हैं.
जून 2021 में आईपीएस हितेश चंद्र अवस्थी ( h c awasthi ) के रिटायर होने पर पहले तो आईपीएस प्रशांत कुमार को यूपी के डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया और फिर तुरंत बाद मुकुल गोयल को नियमित प्रमुख के तौर पर उत्तर प्रदेश पुलिस की कमान दे दी गई. 1987 बैच के आईपीएस गोयल जुलाई 2021 से बमुश्किल 10 महीने का कार्यकाल ही कर पाए थे कि उनको हटा दिया गया. इससे पहले भी उन्हें यूपी के मुज़फ्फर नगर में 2013 में हुए साम्प्रदायिक दंगे के बाद हटाया गया था. तब वे यूपी की कानून व्यवस्था के महानिरीक्षक की ज़िम्मेदारी संभाले हुए थे. दंगों के बाद उनको महानिरीक्षक ( कानून व्यवस्था ) के ओहदे से हटा दिया गया था. तब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. अब यूपी में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कार्यकाल में एक बार फिर आठ साल उन पर अपना काम ठीक से न करने का आरोप लगा और श्री गोयल का तबादला करके सिविल डिफेन्स का महानिदेशक बना दिया गया. इससे पहले वैसे आईपीएस के तौर पर मुकुल गोयल का सेवाकाल फरवरी 2024 तक है.
आईपीएस मुकुल गोयल को हटाने के महीनों बाद तक यूपी में स्थाई डीजीपी तैनात नहीं किया गया. उनके स्थान पर 13 मई 2022 को आईपीएस देवेन्द्र सिंह चौहान ( ips d s chauhan ) को अतिरिक्त कार्यभार के तौर पर डीजीपी का काम सौंपा गया . उन्होंने 11 महीने कार्यवाहक पुलिस प्रमुख के तौर काम किया. कायदे से चौहान के रिटायर होने से पहले स्थाई डीजीपी के बारे में निर्णय ले लिए जाना चाहिए लेकिन अब राजकुमार विश्वकर्मा को कार्यवाहक पुलिस प्रमुख बनाया गया है.
आईपीएस राजकुमार विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं. यूपी में मुकुल गोयल ( mukul goel ) के बाद सबसे सीनियर वही आईपीएस हैं. अभी ये स्पष्ट नहीं है कि वे स्थाई तौर पर डीजीपी बनाए जाएंगे या नहीं . वैसे उनकी रिटायरमेंट में दो महीने ही बचे हैं. उनके पास उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और उन्नति बोर्ड के अध्यक्ष का अतिरिक्त कार्यभार भी रहेगा. शुक्रवार को नई ज़िम्मेदारी सँभालते वक्त श्री विश्वकर्मा ने ट्वीट के ज़रिये ऐलान किया कि माफिया का खात्मा , अपराधों के प्रति जीरो टोलरेंस , तकनीक आधारित और नागरिकों के लिए करुणामयी पुलिस व्यवस्था बनाना उनकी प्राथमिकता होगी. राजकुमार विश्वकर्मा ने कई जिलों के कप्तान के अलावा कुछ और अहम पदों पर काम किया है.
इस बीच यूपी सरकार ने आईपीएस प्रशांत कुमार को विशेष महानिदेशक ( कानून व्यवस्था ) के साथ अपराध एवं आर्थिक अपराध विंग ( ई ओ डब्ल्यू ) का भी अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा है.