कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक आईपीएस प्रवीण सूद को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई cbi ) का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है. वे 25 मई को रिटायर हो रहे सीबीआई के वर्तमान प्रमुख सुबोध कुमार जायसवाल का स्थान लेंगे. सरकार ने आज रविवार (14 मई 2023) को आईपीएस प्रवीण सूद की नई नियुक्ति के बारे में ऐलान किया. ख़ास बात ये है कि कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन होते ही की गई इस नियुक्ति को सीधे सीधे राजनीतिक हथकंडे से प्रभावित फैसला कहा जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि आईपीएस प्रवीण सूद की छवि एक ऐसे अधिकारी के तौर पर बनी जिसका झुकाव केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की तरफ है. वहीँ कर्नाटक राज्य में कल ही कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी पर भारी विजय हासिल की है.
हिमाचल प्रदेश के मूल निवासी प्रवीण सूद भारतीय पुलिस सेवा के 1986 के बैच के कर्नाटक कैडर के अधिकारी हैं. उनको 2020 में कर्नाटक का पुलिस प्रमुख बनाया गया था. 1964 में पैदा हुए प्रवीण सूद को वैसे 2024 में रिटायर होना है लेकिन कैबिनेट की तीन सदस्यीय नियुक्ति मामलों की कमेटी में लिए गए इस फैसले से उनका कार्यकाल 2 साल और बढ़ गया है. आईपीएस प्रवीण सूद की सीबीआई के प्रमुख के तौर पर नियुक्ति 2025 तक के लिए की गई है. केंद्र सरकार के कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की निदेशक नाइला मोहनन की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है समुचित अधिकरण से मंजूरी के बाद ये सूचित किया जा रहा है कि आईपीएस (कर्नाटक 86 ) प्रवीण सूद आईपीएस (महाराष्ट्र 85) सुबोध कुमार जायसवाल के रिटायर होने पर उनका स्थान लेंगे. उनकी ये नियुक्ति कार्यभार सम्भालने के दिन से लेकर दो साल तक के लिए होगी.
सियासत में फंसे सूद –
असल में कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक आईपीएस प्रवीण सूद का नाम अभी हाल ही में सम्पन्न कर्नाटक विधान सभा चुनावों के प्रचार के दौरान तब उछला था जब कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने बीजेपी का पक्ष लेते हुए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई करने के आरोप मढ़े थे. डी के शिवकुमार ने तो 15 मार्च को दिए बयान में आईपीएस सूद के लिए अभद्रता वाला ‘नालायक’ शब्द तक इस्तेमाल किया और तुरंत उनके खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की थी. साथ ही चुनाव आयोग से उनको हटाने की भी मांग की थी. डी के शिवकुमार ने ये तक कहा था कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर डीजीपी प्रवीण सूद को गिरफ्तारी तक का सामना करना पड़ सकता है.
नियुक्ति पर ऐतराज़ –
इस बीच शनिवार को कर्नाटक विधान सभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को मिली ज़बरदस्त जीत और बीजेपी को मिली करारी शिकस्त के बाद ही तीन सदस्यों वाली हाई पॉवर कमेटी की मंजूरी से आईपीएस सूद को सीबीआई का डायरेक्टर बनाने संबंधी आदेश हो गया. सीबीआई डायरेक्टर के लिए तीन अधिकारियों के नाम का पैनल होता है और कमेटी उनमें से किसी एक को चुनती है. इस कमेटी में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस वाई वी चंद्रचूड और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधुरी सदस्य हैं. सीबीआई डायरेक्टर के पद के लिए बनाए गए आईपीएस अधिकारियों के इस पैनल में प्रवीण सूद के अलावा मध्य प्रदेश कैडर के 1987 बैच के आईपीएस सुधीर सक्सेना अग्निशमन सेवा, सिविल डिफेन्स व होम गार्ड्स के महानिदेशक ताज हसन का नाम भी था. अधीर रंजन चौधुरी ने आईपीएस प्रवीण सूद की उम्मीदवारी पर असंतोष ज़ाहिर करते हुए विरोध भी किया था. उनका कहना था कि प्रवीण सूद का नाम उस आईपीएस पूल में नहीं था जो केंद्र में डीजीपी स्तर पर कार्य करने के लायक हैं.
कौन हैं आईपीएस प्रवीण सूद –
आईपीएस प्रवीण सूद को उनसे वरिष्ठ और 1985 बैच के आईपीएस अशित मोहन प्रसाद को दरकिनार करके 2020 में कर्नाटक का पुलिस प्रमुख बनाया गया था. वैसे आईपीएस सूद ने कई अहम ओहदों और प्रोफाइल पर काम किया है. बंगलुरु शहर के डीसीपी (कानून व्यवस्था) बनाये जाने से पहले आईपीएस प्रवीण सूद बेल्लारी और रायचुर जिलों में पुलिस अधीक्षक (एसपी – sp) रहे हैं. उन्होंने गृह मंत्रालय में प्रमुख सचिव के ओहदे पर भी काम किया है. वे कर्नाटक राज्य रिज़र्व पुलिस के एडीजीपी और एडीजीपी (प्रशासन) भी रहे थे.