भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के गुजरात कैडर के अधिकारी अनूप कुमार सिंह ने “ब्लैक कैट कमांडो” बल के तौर पर लोकप्रिय राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG एनएसजी) के महानिदेशक का कार्यभार सम्भाल लिया है. अनूप कुमार सिंह 1985 के अधिकारी हैं. अगर कोई और बदलाव नहीं किया जाए तो तो वे 30 सितम्बर 2020 तक इसी ओहदे पर रहेंगे.
आईपीएस अनूप कुमार सिंह ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (BSF) के महानिदेशक आईपीएस अधिकारी एस एस देसवाल से NSG का कार्यभार लिया. 31 जुलाई को एनएसजी महानिदेशक के पद से सुदीप लखटकिया के रिटायर होने के बाद से एसएस देसवाल ही भारत की इस सबसे तेज़ तर्रार कमांडो फ़ोर्स के प्रमुख का अतिरिक्त कार्यभार सम्भाले हुए थे.
आईपीएस अधिकारी लखटकिया के रिटायर होने के तकरीबन ढाई महीने बाद प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी -ACC) ने आईपीएस अधिकारी अनूप कुमार सिंह को इस पद के लिए चुना था. इसके दस दिन बाद गुजरात कैडर के अनूप कुमार सिंह ने मंगलवार को ओहदा संभाला.
“सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा” के ध्येय वाक्य वाली 1984 में विशेष हालात से निपटने के लिए बनाई गई एनएसजी में सेना समेत अलग अलग बल के जवान और अधिकारी होते हैं. इस ओहदे पर सेना के अधिकारी की जगह पुलिस अधिकारी की तैनाती अक्सर आलोचना और चर्चा का केंद्र बिंदु भी बनती है.
खासतौर से जब इसके नये प्रमुख की तैनाती की जाती है. अब भी सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट दिखाई देने लगी हैं. वहीं इसके कमांडो की तरह ही अन्य कुछ बलों और यहाँ तक कि प्राइवेट सिक्युरिटी एजेंसियों के गार्ड्स भी इनके जैसी जो काली वर्दी पहनते हैं, विवाद उस पर भी यदा कदा होता रहा है.
दिल्ली के पास हरियाणा के गुरुग्राम ज़िले के मानेसर में इसका प्रमुख परिसर है जहां कमांडो ट्रेनिंग होती है. वैसे भारत में एनएसजी के कुल मिलाकर पांच हब बनाये गये हैं. पांचवां हब गुजरात में बनाया गया था. इसका विचार वहां अक्षरधाम मन्दिर पर आतंकी हमले के बाद आया था.
आतंकरोधी ऑपरेशंस के साथ साथ कुछ अति विशिष्ट ऐसे व्यक्तियों की सुरक्षा में भी इसके कमांडो तैनात किये जाते हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कुछ मुख्यमंत्री भी ऐसे ही वीवीआईपी हैं जिन्हें एनएसजी कमांडो का सुरक्षा घेरा दिया गया है.