IPS कलानिधि नैथानी लखनऊ के नये SSP, यूपी पुलिस के चार जिलों के कप्तान बदले

1929
कलानिधि नैथानी
लखनऊ के नए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) कलानिधि नैथानी. Photo Credit/ FB wall Kalanidhi Naithani

भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में जिले के हिसाब से सबसे हाई प्रोफाइल और संवेदनशील माने जाने वाले लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के ओहदे पर एकदम युवा पलिस अफसर की तैनाती की गई है. नाम है कलानिधि नैथानी. अभी तक बरेली जिले में पुलिस कप्तान की जिम्मेदारी संभालते रहे, भारतीय पुलिस सेवा के 2010 बैच के कलानिधि नैथानी को उन दीपक कुमार की जगह उत्तर प्रदेश की राजधानी का पुलिस कप्तान बनाया गया है जो पांच बैच सीनियर हैं. 2005 के IPS अधिकारी दीपक कुमार को पीएसी (PAC) की 41 वीं बटालियन का मुखिया बनाकर गाज़ियाबाद भेजा गया है.

उत्तर प्रदेश पुलिस में IPS अधिकारियों के तबादलों के इस दौर में कुल मिलकर चार जिलों के पुलिस कप्तान बदले गये हैं. कलानिधि नैथानी के लखनऊ जाने से खाली हुए ओहदे पर मुनिराज जी को बरेली का एसएसपी (SSP – Bareilly) बनाया गया है. वह अभी तक एसपी (पुलिस प्रशिक्षण व सुरक्षा) के ओहदे पर थे. भदोही के एसपी शचिन्द्र पटेल को फिरोजाबाद का एसपी बनाया गया है और फ़िरोज़ाबाद से हटाए गये राहुल यादवेन्द्र को पीएसी की दूसरी बटालियन का सेनानायक बनाकर सीतापुर भेजा गया है. और इस बटालियन के अब तक सेनानायक राजेश एस को शचिन्द्र पटेल के हटने से खाली हुए ओहदे पर कायम किया गया है यानि वह भदोही के एसपी बनाये गये.

कलानिधि नैथानी

पुरानी यादें : कलानिधि नैथानी अपने शुरुआती स्कूल के बाहर. Photo Credit/ FB wall Kalanidhi Naithani

आमतौर पर परम्परा रही है कि लखनऊ में सलेक्शन ग्रेड पा चुके या डीआईजी बनने के करीब वाले पुलिस अफसरों को जिले की कमान सौंपी जाती है. लिहाजा बरेली से हटाकर लखनऊ के एसएसपी बनाये गये भारतीय पुलिस सेवा के 2010 बैच के कलानिधि नैथानी की ऐसी अहम जगह पर तैनाती को उत्तर प्रदेश पुलिस में एक प्रयोग की तरह भी देखा जा रहा है. हालांकि जिले की पुलिसिंग के हिसाब से कलानिधि नैथानी इतने कम अनुभवी भी नहीं हैं.

2010 में IPS बनने के बाद सात साल के पुलिस कैरियर में वह पीलीभीत, बरेली, कुम्भ मेला और सहारनपुर में सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) रहे हैं. इसके बाद वह पीएसी की 38 वीं और 9वीं बटालियन के सेनानायक रहे. पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद में एसपी के बाद वह कन्नौज, फतेहपुर, मिर्ज़ापुर और पीलीभीत के एसपी रहने के बाद बरेली के एसएसपी बनाये गये थे.

पौड़ी गढ़वाल के मूल निवासी कलानिधि ने यहीं पर दसवीं तक पढ़ाई की और मथुरा के आर्मी स्कूल से बारहवीं पास की. उन्होंने पन्त नगर से इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक (BTech) और साथ ही हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पुलिस मैनजमैंट में एमबीए (MBA) भी किया हुआ है.

IPS से पहले नैथानी भाभा अनुसन्धान केंद्र में वैज्ञानिक अधिकारी, सी डाट सेंटर फार डेवलपमेंट आफ टेलीमैटिक्स में पांच साल बंगलूर और दिल्ली में काम करते थे. उनके पिता गढ़वाल विश्वविद्यालय में प्राचार्य और माँ देहरादून के कालेज में प्रधानाचार्य है. बड़े भाई आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और पत्नी इलाहाबाद में आयकर विभाग में ज्वाइंट कमिशनर हैं.

दीपक कुमार

दीपक कुमार
आईपीएस अफसर और लखनऊ के एसएसपी पद से हटाए गए दीपक कुमार को पीएसी (PAC) की 41 वीं बटालियन का मुखिया बनाकर गाज़ियाबाद भेजा गया है (फाइल फोटो)

हाल ही में राजधानी लखनऊ में हुईं आपराधिक घटनाओं के बाद पुलिस की आलोचना हो रही थी. वहीं यूनिवर्सिटी में प्राक्टर और 11 टीचरों के साथ मारपीट प्रकरण ने और किरकिरी कर डाली. इस मामले में पुलिस चौकी के इंचार्ज का निलम्बन और सीओ का तबादला हो ही चुका है लेकिन टीचर इतने भर से संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने लखनऊ के तमाम डिग्री कालेजों को बंद करने का ऐलान कर दिया था. दीपक कुमार के तबादले की जड़ में ऊपरी तौर पर तो यही कारण पता चल रहे हैं.

सिर्फ 14 महीने लखनऊ के SSP रहे दीपक कुमार भारतीय पुलिस सेवा के 2005 के अधिकारी हैं. उन्हें मुख्यमंत्री आदित्य योगी की पसंद माना जाता है. योगी ने पिछले साल मुख्यमंत्री बनते ही पुलिस महकमे में जो बड़े पैमाने पर फेरबदल किया था उसी दौरान तेज़ तर्रार IPS मंजिल सैनी को हटाकर दीपक कुमार को लखनऊ का एसएसपी बनाया था. तब दीपक गाज़ियाबाद के पुलिस कप्तान थे और इससे पहले वह मुज़फ्फरनगर के एसएसपी रहे थे.

39 वर्षीय (जन्मतिथि 16 अप्रैल 1979) दीपक कुमार बिहार के बेगूसराय जिले के उसी रामडीरी गाँव के रहने वाले हैं जहां से कई नौजवान आईएएस या आईपीएस बने हैं. भूमिहार परिवारों के बाहुल्य वाले इस गाँव ने इतने अफसर पैदा किये कि यहाँ के लोग अंगुलियों पर ठीक से गिन भी नहीं पाते.

यहीं के स्कूल से पढ़े दीपक कुमार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए किया. सिविल सर्विस के इम्तेहान की पढ़ाई के साथ साथ उन्होंने एलएलबी भी पूरी की. UPSC के इम्तेहान के दूसरे प्रयास में कामयाबी के बाद उन्होंने आईपीएस स्ट्रीम चुना.