आईपीएस हितेश चन्द्र अवस्थी ने यूपी के डीजीपी का कार्यभार सम्भाला

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आईपीएस अधिकारी हितेश चंद्र अवस्थी ने कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया.

भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हितेश चन्द्र अवस्थी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के पुलिस महानिदेशक का काम सम्भाल लिया है. हितेश चंद्र अवस्थी 1985 बैच के अधिकारी हैं. अभी वह कार्यवाहक महानिदेशक के तौर पर काम देखेंगे. इसकी वजह, पुलिस महानिदेशक के तौर पर संघ लोक सेवा आयोग की तरफ से तय प्रक्रिया का पूरा ना हो पाना, बताई जा रही है. उत्तर प्रदेश में विभिन्न अहम ओहदों पर तैनाती के अलावा श्री अवस्थी को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में भी काम करने का खासा तजुर्बा है. कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर उनकी तैनाती पूरे कार्यकाल की 33वीं तैनाती है और उनका कार्यकाल जून 2021 तक है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निवासी आईपीएस अधिकरी हितेश चन्द्र अवस्थी ने आईपीएस ओम प्रकाश सिंह से कार्यभार लिया जो रिटायर हो गये हैं. श्री सिंह ने रिटायरमेंट के दिन ट्विटर पर दिए संदेश में लिखा, “आज वर्दी में मेरा आखिरी दिन है. मुझे 37 बरस महान देश और राज्य की सेवा का विशेषाधिकार मिला. मैं आप में से उन सबका धन्यवाद करना चाहूँगा जिनके साथ मुझे काम करने का मौका मिला उन नागरिकों का आभार जिन्होंने हमेशा निस्वार्थ रूप से सहायता की.”

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह का विदाई ट्वीट.

अवस्थी बोले : व्यवहार और ईमानदारी अहम

आईपीएस हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि पुलिस का आम लोगों के साथ व्यवहार सबसे अहम है. उन्होंने कहा कि चाहे कोई थाना स्तर का हो या बीट स्तर का, मेरी प्राथमिकता होगी कि पुलिस का व्यवहार जैसा है, उससे और बेहतर हो. श्री अवस्थी ने सत्यनिष्ठा के साथ ईमानदारी की संस्कृति पुलिस में पैदा करने की ज़रुरत के सन्दर्भ में कहा कि पुलिस का काम ऐसा होना चाहिए कि कोई अंगुली भी न उठा सके.

ये हैं प्राथमिकताएं :

कार्यवाहक डीजीपी ने अपनी प्राथमिकताओं में पुलिस ट्रेनिंग और ट्रैफिक व्यवस्था को भी प्रमुख बताया. उन्होंने कहा इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को और बढ़ाने, यातायात पुलिस में कार्मिकों की संख्या बढ़ाने की बात कही. महिला व बाल अपराधों पर नियंत्रण के लिए की जा रही कोशिशों के साथ नए प्रयोग भी जारी रखने की ज़रुरत पर भी उन्होंने जोर दिया. उन्होंने कहा कि यही बात साइबर अपराधों पर भी लागू होती है. साइबर क्राइम नई पीढ़ी का अपराध है और यह तेजी से बढ़ रहा है जिस पर वैज्ञानिक ढंग से नियंत्रण पाने की कोशिश की जायेंगी.

बीट सिस्टम रीढ़ है :

आईपीएस हितेश चन्द्र अवस्थी ने बीट व्यवस्था को पुलिस की कार्यप्रणाली की रीढ़ बताते हुए कहा कि लोगों में सुरक्षा का भाव तब तक नहीं आएगा, जब बीट प्रणाली बहुत असरदार नहीं होगी. उन्होंने कहा कि पूर्व डीजीपी ओपी सिंह के कार्यकाल में बीट प्रणाली को लेकर की गई पहल को और आगे लेकर जाएंगे. श्री अवस्थी ने कहा कि जैसे-जैसे पुलिस बल की तादाद बढ़ रही है, उसके साथ इस व्यवस्था पर ख़ास ध्यान दिया जाएगा. श्री अवस्थी का कहना था कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय की जो स्मार्ट पुलिसिंग की परिकल्पना है, उसमें यह सब बिंदु समाहित हैं. पुलिस को तकनीकी तौर से स्मार्ट बनाने की हरेक मुमकिन कोशिश होगी.

ये हैं आईपीएस हितेश चन्द्र अवस्थी :

हितेश चन्द्र अवस्थी राजनीति शास्त्र से परास्नातक और एमफिल करने के बाद 26 अगस्त 1985 को भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए. वह जुलाई 2017 में डीजी इंटेलीजेंस बने थे. श्री अवस्थी को एसपी के पद पर पहली तैनाती टिहरी गढ़वाल में जुलाई 1999 में मिली थी और हरिद्वार के भी एसपी रहे. 2002 में डीआईजी रहते हुए विशेष सचिव गृह के पद पर भी तैनात रहे. वह इसके बाद आजमगढ़ और आगरा रेंज में भी डीआईजी रहे. उन्होंने कार्यकाल में दो बार प्रतिनियुक्ति पर करीब 12 वर्ष सीबीआई में अलग-अलग ओहदों पर सेवा भी की. सीबीआई से वापस आने के बाद श्री अवस्थी सितंबर 2013 से जनवरी 2016 तक एडीजी क्राइम के पद पर रहे. हितेश चन्द्र अवस्थी को 2016 में महानिदेशक के पद पर तरक्की मिली. इस दौरान उन्होंने यूपी पुलिस में ही विभिन्न अनुभागों का कामकाज सम्भाला.