क्रिकेटर से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने इमरान खान ने पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर अहमद बाजवा को सेवा विस्तार देते हुए उन्हें और तीन साल के लिए इस ओहदे पर बरकरार रखा है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा का सेवा विस्तार करने का सरकार का फैसला तब आया है जब पाकिस्तान का भारत से पूर्वी मोर्चे पर तनाव है.
गौरतलब है कि इमरान खान ने 2013 में जनरल कियानी का कार्यकाल बढाए जाने का यह कहते हुए विरोध किया था कि नियमों का पालन किया जाना चाहिये. इमरान ने उदाहरण दिया था कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान तक में किसी जनरल को एक्स्टेंशन नहीं दिया गया. इमरान के मुताबिक ऐसे निर्णय देश के संस्थानों को कमजोर करते हैं और कोई डिक्टेटर (तानाशाह) ही ऐसा कर सकता है. यह बात इमरान ने एक इंटरव्यू में कही थी जो आजकल सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है.
58 वर्षीय जनरल बाजवा को 26 नवम्बर 2016 जब पहली बार पाकिस्तानी सेना की कमान सौंपी गई थी तब पाकिस्तान में मियाँ नवाज़ शरीफ़ की सरकार थी. उन्हें जनरल रहील शरीफ के रिटायर होने पर पाकिस्तान का सेना प्रमुख बनाते वक्त उनसे वरिष्ठ तीन अधिकारियों की वरिष्ठता को नज़रन्दाज़ किया गया था. जनरल बाजवा पहले रावलपिंडी कोर के कमांडर रहे हैं. इससे पहले वो जनरल हेडक्वार्टर में इन्स्पेक्टर जनरल (ट्रेनिंग) थे जिस ओहदे पर उनसे पूर्व वाले सेना प्रमुख जनरल रहील शरीफ रहे. जनरल कमर अहमद ब्रिगेडियर के तौर पर 10 वीं कोर के चीफ ऑफ़ स्टाफ भी रहे. उन्होंने डिवीज़न भी कमांड की.
जनरल बाजवा के सेवा विस्तार को पाकिस्तान के अन्दर सत्ता में सेना के ऐसे बढ़ते दखल के तौर पर भी देखा जा रहा है जो लोकतान्त्रिक मूल्यों के विपरीत है. राजनीति में सेना के लगातार बढ़ते दबाव पर कुछ मंचों पर पाकिस्तान में आलोचना भी हो रही है. पूर्व प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ ने 2018 के उन चुनाव में तो सेना की सक्रियता का आरोप खुलकर लगाया था जिसमें उनकी पार्टी को हराकर इमरान खान का सियासी दल पाकिस्तान तहरीके इन्साफ सत्ता में आया. इमरान खान के विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने में भी पाकिस्तान की सेना आगे रही है.
जनरल बाजवा इसी साल अमेरिका गये पाकिस्तान के उस प्रतिनिधिमंडल का अहम हिस्सा थे जो प्रधानमन्त्री इमरान खान के साथ राजनयिक बैठक के लिए अमेरिका गया था. अमेरिका और अफगानिस्तान में तालिबान के बीच शान्ति प्रयासों के मद्देनजर भी जनरल बाजवा को खासतौर से देखा जा रहा है.
वैसे भारत-पाकिस्तान के बीच के वर्तमान सुरक्षा माहौल में पाकिस्तान की तरफ से जनरल बाजवा को सेवा विस्तार देना कोई अप्रत्याशित नहीं दिखाई देता. फरवरी में भारत में कश्मीर में पुलवामा हमले में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवानों के मारे जाने और उसकी प्रतिक्रिया में भारत की तरफ से पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (पीओके) के बालाकोट में की गई बमबारी के बाद से दोनों मुल्कों में जबरदस्त तनाव है. इसके बाद सरहद के आसमान ने दोनों देशों की वायुसेना के लड़ाकू विमानों का संघर्ष भी देखा गया. कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा खत्म किये जाने के बाद इस तनाव में और इजाफा हुआ है. दोनों देशों के आपसी व्यापारिक रिश्ते भी टूटे और ट्रेन व बस सम्पर्क भी टूटा.