दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर आनंद मोहन का तबादला केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेर्री किया गया है. भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी आनंद मोहन का नाम अरुणाचल प्रदेश गोवा मिज़ोरम यूटी (AGMUT संयुक्त कैडर) के उन दो दर्जन से भी ज़्यादा अधिकारियों की तबादला फेहरिस्त में है जो मंगलवार को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने जारी की है. इनमें सबसे ज़्यादा अधिकारी अगर किसी केंद्र शासित राज्य के एक साथ बदले गये हैं तो वो है अरुणाचल प्रदेश. वहां 12 पदों पर आईपीएस अधिकारी बदल कर अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों से भेजे गये हैं. इनमें से ज़्यादातर वो हैं जो दिल्ली में तैनात थे.
दिल्ली पुलिस में पहली तैनाती के तहत कनाट प्लेस क्षेत्र के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी -ACP ) रहे आनंद मोहन का काफी समय वीआईपी सुरक्षा में गुज़रा. नई दिल्ली ज़िले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडिशनल डीसीपी) के तौर पर तैनाती के वक्त भी और इसके बाद प्रधानमन्त्री सुरक्षा के डीसीपी के तौर पर भी सुरक्षा बन्दोबस्त का उनका खासा तजुर्बा रहा है. वह तीन साल उस नई दिल्ली जिले के प्रभारी डीसीपी रहे जो भारत की सत्ता का केंद्र है. संसद भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन, तमाम मंत्रालयों के दफ्तर से लेकर सेना मुख्यालय और सबसे संवेदनशील माने जाने वाला दूतावासों का क्षेत्र चाणक्य पुरी भी इसी का हिस्सा है. सबसे ज्यादा वीवीआईपी के आवास और आवागमन वाले इस ज़िले में उनकी बेदाग़ तैनाती रही.
दिल्ली पुलिस में हाल ही में हुई पोस्टिंग से पहले आनन्द मोहन केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (cisf – सीआइएसएफ) में तैनात थे जहां वे उप महानिरीक्षक (डीआईजी – DIG ) के तौर पर गये थे और वहीं तरक्की मिलने पर उन्हें आईजी बनाया गया. वह सीआईएसएफ में दक्षिण सेक्टर के प्रभारी थे. इससे पहले वह पश्चिम सेक्टर के मुख्यालय मुंबई में भी रहे. इन तैनातियों के दौरान परमाणु संयंत्रों से लेकर अन्तरिक्ष केंद्र जैसे संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी भी उन्होंने निभाई.