जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आज सुबह नई दिल्ली में भारत के सेनाध्यक्ष का पदभार सम्भाला. मनोज मुकुंद नरवणे भारत के 28 वें सेना प्रमुख हैं. उन्हें जनरल बिपिन रावत ने सैन्य रस्मो रिवाज के मुताबिक़ भारतीय सेना की कमान की बैटन सौंपी. 59 वर्षीय जनरल नरवणे अभी तक भारत के उप सेना प्रमुख थे.
महाराष्ट्र के पुणे में 22 अप्रैल 1960 को जन्मे जनरल नरवणे ने जून 1980 में भारतीय सेना की सिख लाइट इन्फेंट्री में कमीशन हासिल किया. 13 लाख सैनिकों वाली विशाल भारतीय थल सेना के उप प्रमुख बनने से पहले जनरल नरवणे थल सेना की पूर्वी कमान सम्भाल रहे थे. यही कमांड भारत और चीन के बीच 4 हज़ार किलोमीटर लम्बी सीमा की निगहबानी करती है.
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे अन्य दोनों सेना प्रमुखों की तरह ही राष्ट्रीय रक्षा एकेडमी (नेशनल डिफेन्स एकेडमी-एनडीए) के 56 वें कोर्स से हैं. उपसेना प्रमुख बनाये जाने से पहले जनरल नरवणे कोलकाता स्थित सेना की पूर्वी कमान को सम्भाल रहे थे. जम्मू कश्मीर के साथ साथ उन्हें पूर्वोत्तर के हालात का भी खासा अनुभव है और वो म्यांमार में भी भारत के मिलिटरी अटैची रहे हैं. जहां एक तरफ उन्होंने असम में ब्रिगेड कमांड की है वहीं असम राइफल्स के इन्स्पेक्टर जनरल (आईजी) भी रहे हैं.
नए सेना प्रमुख के बारे में
- जनरल नरवणे जून 1980 में सातवीं सिख लाइट इन्फैंट्री में कमीशन हुए थे.
- अपनी 37 साल की सेवा में वे कई कमानों में काम कर चुके हैं.
- उनके पास जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकरोधी कार्रवाइयों का लंबा अनुभव है.
- जम्मू-कश्मीर में अपनी बटालियन के सफल संचालन के लिए उनको सेना मेडल से सम्मानित किया जा चुका है
- उन्होंने श्रीलंका में शांति रक्षक बल में काम किया है.
- नरवाने की शादी वीणा नरवणे से हुई है, जो एक शिक्षिका हैं. उनकी दो बेटियां हैं.