भारतीय पुलिस सेवा के 1995 बैच के अधिकारी 53 वर्षीय आलोक सिंह ने बुधवार को नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) पुलिस के कमिश्नर का कामकाज सम्भाल लिया. पहले कमिश्नर के आने के साथ ही नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करने और इसी हिसाब से अधिकारियों की तैनाती का सिलसिला भी शुरू हो गया है. नये सिस्टम के तहत जिले को तीन हिस्सों में बांटा जाएगा और हर क्षेत्र का एक प्रभारी डीसीपी होगा.
अलीगढ के रहने वाले आलोक सिंह अभी तक 11 जिलों में कप्तान के तौर पर काम का अनुभव रखते हैं. आगरा के सेंट जोसफ स्कूल के छात्र रहे आलोक सिंह ने आगरा यूनिवर्सिटी से विज्ञान में स्नातक (बीएससी) किया और बाद में हरियाणा के रोहतक स्थित केदारनाथ अग्रवाल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट से एमबीए (मार्केटिंग और फाइनेंस) किया. जुलाई 2019 में आलोक सिंह को मेरठ का पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) बनाया गया था और 1 जनवरी को मिली तरक्की के बाद आलोक सिंह एडीशनल डीजी (एडीजी) बनाये गये.
आलोक सिंह का कहना है कि नोएडा को दिल्ली की तर्ज पर पुलिसिंग करते हुए सुरक्षित बनाया जाएगा. इसके लिए संसाधनों को जुटाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. उनका कहना है कि पुलिस महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने और महिलाओं की सुरक्षा के साथ साथ साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने पर जोर देगी.
पुलिस और स्थानीय आबादी का अनुपात बेहतर करने के मकसद से 1600 नये पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. नोएडा के लिए नौ अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीशनल डीसीपी) पदों की मंजूरी की गई है और इन पदों के लिए उन कुछ अधिकारियों के नाम शामिल हैं जो यहाँ पुलिस अधीक्षक (एसपी) हैं. इनमें अंकुर अग्रवाल, अनिल कुमार झा, अशोक कुमार सिंह और कुमार रणविजय सिंह ने नई भूमिका में काम सम्भाल लिया है. इनमें से सिर्फ अंकुर अग्रवाल ही आईपीएस अधिकारी हैं.