चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) के उपायुक्त (डीसीपी) राजेश देव को किसी भी तरह की चुनाव ड्यूटी पर तैनात करने पर रोक लगा दी है. आयोग ने इस बाबत दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक को पत्र के जरिये निर्देश भेजे हैं. आयोग ने कहा है कि शाहीन बाग़ प्रदर्शन स्थल पर की गई फायरिंग के केस की जांच के सन्दर्भ में डीसीपी राजेश देव ने अभियुक्त और उसके पिता के एक सियासी दल से सम्बन्ध होने की जो टिप्पणी की वो अवांछित थी और उनका ये आचरण स्वतंत्र व साफ चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है. आयोग ने पत्र में डीसीपी राजेश देव के प्रति और भी सख्त रवैया अपनाया है.
असल में डीसीपी राजेश देव ने चार फरवरी को पत्रकारों को बताया था कि शाहीन बाग़ में गोली चलाने वाले कपिल और उसके पिता ने साल भर पहले आम आदमी पार्टी (आप) की सदस्यता ली थी और इस केस में साजिश के पहलू से भी जांच की जायेगी. इसके बाद दिल्ली में सत्तासीन ‘आप’ ने चुनाव आयोग को शिकायत की थी.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में आठ फरवरी को विधानसभा के चुनाव होने हैं और इसमें ‘आप’ के अलावा केन्द्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और दिल्ली व केंद्र की सत्ता से हटाई गई कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. इस दौरान राजनीतिक दल एक दूसरे पर तरह तरह के आरोप लगाकर और बयानबाजी करके वोटरों को अपने पक्ष में रिझाने की कोशिश कर रहे हैं.
चुनाव आयोग के सचिव अजॉय कुमार ने 5 फरवरी को पुलिस कमिश्नर को भेजे पत्र में, डीसीपी राजेश देव को न सिर्फ इन चुनाव से सम्बन्धित कोई भी ड्यूटी देने से मना किया है बल्कि ये भी कहा है कि डीसीपी को इस आचरण के लिए चेतावनी जारी करते हुए नाखुशी ज़ाहिर की जाये और साथ में इसकी प्रति उनकी कांफिडेंशियल रिपोर्ट डोजियर में भी नत्थी की जाये. इतना ही नहीं पत्र में ये भी निर्देश दिए गये हैं कि इस पर अमल करके 6 फरवरी की शाम 6 तक रिपोर्ट भी भेजी जाये.