केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के श्रीनगर सेक्टर में महानिरीक्षक (आईजी) के ओहदे पर तैनात रही भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी चारू सिन्हा का भले ही यहां से तबादला हो गया है लेकिन यहां ‘लव यू जिंदगी’ कोर्स की कामयाबी के कारण वह हमेशा याद रखी जाएंगी. तेलंगाना कैडर की आईपीएस चारू सिन्हा ने श्रीनगर में अपने ढाई साल का कार्यकाल पूरा किया और सोमवार को श्रीनगर सेक्टर से उनको विदाई दी गई. आईपीएस चारु सिन्हा ने सितंबर 2021 में श्रीनगर सेक्टर का कार्यभार संभाला था. इससे पहले वह जम्मू और बिहार सेक्टर की आईजी रहीं. चारू सिन्हा को अब सीआरपीएफ के हैदराबाद मुख्यालय वाले दक्षिण सेक्टर का प्रभार दिया गया है. आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु इसका हिस्सा हैं.
तेलंगाना कैडर के 1996 बैच की आईपीएस चारू सिन्हा
सीआरपीएफ (crpf) के श्रीनगर सेक्टर में आईजी (IG) तैनात होने वाली पहली महिला आईपीएस हैं. आतंकवाद प्रभावित और पाकिस्तान सीमा से सटा होने के साथ साथ यहां सीआरपीएफ को सेना और स्थानीय पुलिस बल के मिलकर काम करना होता है. ऐसी परिस्थितियां , सर्द मौसम और दुर्गम पहाड़ी व ग्रामीण क्षेत्रों में काम सीआरपीएफ के लिए इस सेक्टर में अलग सी चुनौतियां पेश करता है. लिहाज़ा यहां सीआरपीएफ जवानों की समस्याएं भी जटिल किस्म की होती हैं . अब आईपीएस अजय कुमार यादव को सीआरपीएफ के इस चुनौतीपूर्ण सेक्टर की कमान सौंपी गई है .
2021 में जब चारू सिन्हा (ips charu sinha) ने श्रीनगर में ओहदा सम्भाला था, उस साल के आंकड़े बताते हैं कि, भारत के सबसे बड़े केन्द्रीय पुलिस बल, सीआरपीएफ में 58 जवानों ने खुदकशी की. इसका मुख्य कारण ये था कि जवान विभिन्न प्रकार के पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, निजी और पेशेवर परिस्थितियों से उत्पन्न दबाव झेल पाने में खुद को कई बार सक्षम नहीं पाते थे. ऐसे में निराशा और अवसाद इस कदर बढ़ जाता था कि वो दबाव में आकर अपना जीवन समाप्त करने जैसा भयानक कदम उठा लेते थे. बिहार में 2018 में बल में लिंग भेद के कारण आने वाली समस्याओं और इस विषय पर जागरूकता की दिशा में काम कर चुकी चारू सिन्हा ने श्रीनगर आने के बाद उपरोक्त परिस्थितियों का अध्ययन व आकलन किया. बिहार में पीपल फॉर पैरिटी (people for parity) के साथ काम करने के अनुभव में उन्होंने ‘अमृता विश्व विद्यापीठम’ का साथ भी लिया. इसके बाद दोनों संस्थाओं की मदद से डिज़ाइन किए गए ‘ लव यू जिंदगी’ ( love you zindagi) कोर्स की शुरुआत की. दुनिया भर के अर्धसैनिक बलों में इस तरह के कोर्स कराने वाला सीआरपीएफ एकमात्र बल है.
इन संस्थाओं के 40 प्रशिक्षकों ने पहले मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया. उन्होंने फिर आगे और प्रशिक्षक बनाए जिन्होंने अन्य जवानों को ये कोर्स कराया. सात दिन के इस कोर्स के ज़रिए सीआरपीएफ जवानो तमाम तरह के दबावों से पैदा हुई समस्याओं का पता लगाने से लेकर उनका समाधान करने के तौर तरीके सिखाए व समझाए जाते हैं. कोर्स का महामंत्र है – खुश जवान , खुश परिवार , खुश सीआरपीएफ.
‘लव यू जिंदगी ‘कोर्स की शुरुआत से ही कोर्डिनेटर के तौर पर काम कर रही सीआरपीएफ की सहायक कमांडेंट मोनिका साल्वे बताती हैं कि अब तक 27000 जवानों को ‘लव यू जिंदगी ‘ कोर्स कराया जा चुका है. हर यूनिट में 2 मास्टर ट्रेनर अधिकारी हैं. कुल मिलाकर अब कोर्स के 50 मास्टर ट्रेनर्स हैं और 550 फ्रंटलाइन ट्रेनर हैं. सीआरपीएफ जवानों को अवसाद रहित और खुश रहने के तरीके सिखाने के साथ साथ ये कोर्स उनकी पितृसत्ता और पुरुष प्रधान समाज वाली सोच बदलने और उनको अपने परिवार की महिलाओं को सशक्त बनाने में प्रेरित करता है. इसके लिए भी उनको आसानी से अमल में लाये जाने वाले तरीके सिखाए जाते हैं.
एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़ आईपीएस चारु सिन्हा ने अपने श्रीनगर सेक्टर में अपने कार्यकाल के दौरान स्थानीय समुदाय में सद्भाव बढ़ाने और क्षेत्र में सुरक्षा का वातावरण बनाने में अथक प्रयास और अमन – चैन बनाने में कुशल नेतृत्व का प्रदर्शन किया. उनके प्रयासों से कश्मीर की स्थानीय जनता और सीआरपीएफ के संबंधों में विश्वसनीयता का इजाफा हुआ. श्रीनगर से हैदराबाद की यात्रा के दौरान दिल्ली में फोन पर रक्षक न्यूज़ से संक्षिप्त बातचीत में आईपीएस चारू सिन्हा का कहना है कि उनका खासतौर से ये कार्यकाल सीखने के लिहाज़ बेहद मूल्यवान रहा. उन्होंने कहा कि बीते ढाई साल की हासिल हुई उपलब्धियों पर हमें गर्व है. हम इस दौरान क्षेत्र के लोगों में भरोसा जीतने और सहयोग व समर्थन पाने में कामयाब रहे .
आईपीएस अजय यादव श्रीनगर सेक्टर में तैनात :
चारू सिन्हा की जगह हिमाचल प्रदेश कैडर के 1996 बैच के अधिकारी अजय यादव ( ips ajay yadav ) को श्रीनगर सेक्टर का आईजी बनाया गया है. इससे पहले वे सीआरपीएफ के दिल्ली स्थित मुख्यालय में आईजी (प्रोविजन) के पद पर तैनात थे. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने फरवरी 2023 की शुरुआत में ही अजय यादव को श्रीनगर स्थानांतरित करने का फैसला ले लिया था.