भारतीय वायु सेना के वाइस चीफ राकेश कुमार सिंह भदौरिया (आरकेएस भदौरिया) भारतीय वायु सेना के अगले प्रमुख होंगे. मार्शल भदौरिया 30 सितम्बर को रिटायर हो रहे वर्तमान वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बिरेंदर सिंह धनोआ की जगह लेंगे. सरकार ने वायु सेना प्रमुख के तौर पर उनके नाम का ऐलान करके सबको हैरान कर डाला है क्यूंकि वो भी इसी महीने में साठ साल की आयु में रिटायर होने वाले थे. सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार देने का फैसला लिया है. भारतीय सेनाओं में जनरल के ओहदे पर अधिकतम 62 वर्ष तक की आयु वाला अधिकारी रह सकता है. उनकी सेवा में विस्तार करके दो साल का इज़ाफा किया गया है.
एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ के रिटायर होने के बाद भारतीय वायु सेना के चीफ के तौर पर तैनाती के लिए दक्षिण कमान के प्रमुख एयर मार्शल बालकृष्णन सुरेश और पश्चिम कमान के प्रमुख रघुनाथ नाम्बियार को प्रबल दावेदार माना जा रहा था.
एयर मार्शल भदौरिया परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम) अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और विशिष्ट सेवा मेडल (वीएम) से सम्मानित अधिकारी हैं. नेशनल डिफेन्स एकेडमी के छात्र रहे एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने 15 जून 1980 को भारतीय वायु सेना के लड़ाकू दस्ते में कमीशन हासिल किया था. हरेक क्षेत्र में अव्वल रहने पर उन्हें एकेडमी में पासिंग आउट परेड के वक्त ‘सोर्ड ऑफ़ ऑनर (Sword of Honour) दिया गया था.
मार्शल भदौरिया 4 हज़ार से ज़्यादा घंटे तक की उड़ान का अनुभव रखते हैं. वो कुल मिलाकर विभिन्न तरह के 26 विमान उड़ा चुके हैं जिनमें लड़ाकू और मालवाहक विमान शामिल हैं. उनकी पहचान ख़ास तरह के प्रयोग वाले टेस्ट पायलट के तौर पर भी की जाती है. मार्शल भदौरिया केट ‘ए’ योग्यता वाले फ़्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर हैं. मार्शल भदौरिया भारत में बने उस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए -LCA) तेजस की शुरूआती उड़ान टेस्ट कर चुके हैं जिस पर आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बंगलुरु में उड़ान भरी थी.
एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया भारत की दक्षिण वायु कमान के प्रमुख कमानाधिकारी के अलावा प्रशिक्षण कमांड के भी प्रमुख रहे हैं. वायुसेना मुख्यालय के अलावा वो इससे पहले मास्को में भारतीय दूतावास में एयर अटैची भी रहे. मार्शल भदौरिया लड़ाकू विमान जगुआर की स्क्वाड्रन को भी कमान कर चुके हैं.