विभिन्न गैर सरकारी संगठनों की सहायता से आयोजित, वीरथॉन सभी उम्र और फिटनेस के स्तर के लिए था. चाहे वह कोई अनुभवी धावक हो, कोई रोमांच का शौकीन हो या बस एक मजेदार दिन बिताना चाहता हो.
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वीरथॉन 2025 का उद्देश्य उत्तराखंड की पहाड़ियों में रहने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों और वीर नारियों (शहीद सैनिकों की विधवाओं) के पैतृक घरों को होमस्टे में बदलने में सहायता करना है ताकि पर्यटन को भी बढ़ावा मिले और यहां से अन्य इलाकों में पलायन कर गए परिवारों को फिर से यहीं बसाया जा सके .

मेटामॉर्फ्स फाउंडेशन और एनबीटी द्वारा आयोजित, वीरथॉन 2025 में 5 श्रेणियां थीं – 21 किमी हाफ मैराथन, 10 किमी दौड़, 5 किमी दौड़, नए धावकों के लिए 3 किमी दौड़, बच्चों के लिए 1 किमी फन रन. विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं को 2 लाख रुपये तक के नकद पुरस्कार और प्रतिभागियों को उपहार दिए गए. शहीद तुषार महाजन मेमोरियल ट्रस्ट ने महिला वर्ग में नकद पुरस्कार प्रायोजित किए. ट्रस्ट की स्थापना कैप्टन तुषार महाजन के माता-पिता द्वारा की गई थी,. तुषार एक पैरा कमांडो थे, जिन्होंने जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान अपनी जान गंवा दी थी. पुरस्कार मुख्य अतिथि के रूप में आए मेजर जनरल रोहन आनंद ने प्रदान किए जोकि उत्तराखंड में एनसीसी के अतिरिक्त महानिदेशक भी हैं . भारतीय नौसेना के एनएचओ के संयुक्त मुख्य हाइड्रोग्राफर रियर एडमिरल प्यूश पावसे भी विशेष अतिथि के तौर पर आए और विजेताओं को सम्मानित किया .
कार्यक्रम के कुछ रोचक आकर्षण थे – पैरा एथलीटों की व्हील चेयर पर 5 किलोमीटर की दौड़ , 60-80 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नागरिकों का 10 किलोमीटर दौड़ लगाना , ब्लेड रनर, साड़ी पहनी एक महिला ने 12 किलोमीटर दौड़ लगाई, एक माँ और 2 बेटों के परिवार ने 10 किलोमीटर की श्रेणी में जीत हासिल की, एक 71 वर्षीय धावक ने पुरस्कार जीता तथा राफेल सेंटर के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों ने 1 किलोमीटर की मजेदार दौड़ में भाग लिया.
वीरथॉन के स्टार धावक जैसे सेवानिवृत मेजर जनरल विक्रम देव डोगरा जो भारत के आयरनमैन भी रहे हैं , मेजर डीपी सिंह (ब्लेड रनर), अशोक भांसे (कृत्रिम पैर के साथ दौड़ते हुए) और मेजर शशि मेहता ने अन्य धावकों के साथ दौड़ लगाई. मेटामोर्फोसिस फाउंडेशन को ऑनरप्वाइंट, सपोर्ट अवर हीरोज (एसओएच) द्वारा समर्थन दिया गया, जिसका प्रतिनिधित्व कर्नल आर डी शर्मा (सेवानिवृत्त), कर्नल सोरभ जैन (सेवानिवृत्त) और श्री गौरव शुक्ला ने किया, जिन्होंने मैराथन में भाग लिया.