किरण उनियाल …! महिला शक्ति के सन्दर्भ में लिया जाने वाला ये नाम अब पुरुष शक्ति को भी पछाड़ने वाले नाम के तौर पर पहचाना जाएगा. एक फौजी की बेटी के साथ साथ एक फौजी की पत्नी भी बनी किरण ऐसा नाम बन गया है जिसने दुनिया भर में अव्वल नम्बर पर आने के रिकार्ड दर्ज करने वाली गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में पुरुषों के रिकॉर्ड को भी ध्वस्त कर डाला है. और वो भी कोई हलके फुल्के खेल में नहीं, जबरदस्त शक्ति, बिजली सी फुर्ती और एकाग्रता वाले खेल मार्शल आर्ट में. सिर्फ मार्शल आर्ट ही नहीं किरण और भी इतना कुछ करती हैं जिसकी वजह से वो सम्मान और श्रद्धा की पात्र तो हैं ही प्रेरणा का भी स्रोत हैं.
भारतीय सेना में तैनात कर्नल सुनील की पत्नी किरण उनियाल ने अब “तीन मिनट में एक पैर के घुटने से 263 वार” का रिकॉर्ड बनाने के क्रम में पुरुष वर्ग के 226 वार के मौजूदा रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है.
किरण उनियाल ने महिला वर्ग में “तीन मिनट में एक पैर के घुटने से 263 वार” और “एक मिनट में बारी-बारी से दोनों घुटनों से 120 वार” करने के दो व्यक्तिगत गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं. इसके पहले इसी वर्ग में 177 वार और 102 वार करने का रिकॉर्ड था. दरअसल ऐसे रिकॉर्ड बनाने के पीछे किरण का मकसद किरण का मकसद लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट को प्रोत्साहन देना है. उन्होंने इसी सिलसिले में “तीन मिनट में एक पैर के घुटने से 263 वार” का रिकॉर्ड बनाना था लेकिन इस क्रम में उन्होंने पुरुष वर्ग के 226 वार के मौजूदा रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया.
उल्लेखनीय है कि किरण उनियाल ने “तीन मिनट में एक हाथ की कोहनी से 466 वार” करने का पहला व्यक्तिगत गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था. यह कारनामा जनवरी, 2019 के गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के आधिकारिक वीडियो में भी शानदार रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया है. किरण उनियाल ने अब तक 15 विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं, जिनमें मार्शल आर्ट, फिटनेस और सामाजिक कार्य में 10 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड शामिल हैं.
लेकिन ये सब करने के साथ साथ उन्हें निजी जीवन में आईं विशेष चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा लेकिन इन चुनौतियों में भी उन्होंने अपने को और मज़बूत किया. दो बच्चों की परवरिश के साथ मार्शल आर्ट में ही इन्होने उपलब्धियां हासिल नहीं की.
अपनी 100 % दिव्यांग बेटी की सेवा के साथ साथ इन्होंने शहीद सैनिकों के परिवारों की भी मदद करने का बीड़ा उठा रखा है. दिव्यांग सैनिकों की सहायता के साथ ये सैनिकों के कल्याण के भी काम करती हैं. उन्हें इस काम में पति कर्नल सुनील का भी साथ मिलता है. पति पत्नी ने मिलकर दिव्यान्गता पर पुस्तक भी लिखी, “इम्पवारिंग दिव्यांगजन” (Empowering Divyangjan). इसमें सशस्त्र सेनाओं के परिवारों के दिव्यांग बच्चों के लिए उपलब्ध सुविधाओं और उन्हें मिलने वाले लाभ का विवरण है. वैसे उनका बेटा भी मार्शल आर्ट और ताइक्वांडो के मामले में उनके पदचिन्हों पर चल रहा है. वो भी ताइक्वांडो में विश्व रिकॉर्ड बनाकर अपना नाम गिनीज़ बुक में दर्ज करवा चुका है . उसके नाम पर दो रिकॉर्ड दर्ज हैं.
सिर्फ मार्शल आर्ट ट्रेनर के तौर पर ही नहीं, किरण ने एक वर्ल्ड रिकॉर्ड तो कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए छेड़े गये सबसे बड़े अभियान में भी बना डाला. ये अभियान तेलंगाना सरकार के एमएनजे कैंसर अस्पताल का था जिसमें किरण ने सहयोग किया था इसलिए ये साझा रिकॉर्ड था जो पिछले साल ही बनाया गया. ये पहली बार था जब गिनीज़ बुक में अपना नाम दर्ज करवाने का सरकार को मौका मिला.
मार्शल आर्ट के प्रति किरण का झुकाव शुरू से ही था. उनके पिता की सिर्फ पुत्रियाँ ही थीं. किरण बताती हैं कि उनके पिता की नज़र में वो ‘टॉम ब्वाय’ की तरह थीं.
दो दशक के तजुर्बे वाली 45 वर्षीय ताइक्वांडो ट्रेनर किरण उनियाल लड़कियों को इस हद तक मार्शल आर्ट में ट्रेनिंग दिए जाने के पक्ष में हैं कि वो इसे अनिवार्य विषय के तौर पर शामिल किये जाने की ज़रूरत की तरह देखती हैं. किरण लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग ही नहीं देती बल्कि उन्होंने ऐसी ट्रेनिंग देने वाली टीम भी बना ली है. मूल रूप से पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड की निवासी और अब सिकंदराबाद में बसी किरण उनियाल का मार्शल आर्ट का सफ़र कॉलेज की पढ़ाई के दौरान शुरू हुआ था. खेलों में दिलचस्पी रखने वाली किरण एनसीसी की कैडेट भी थीं और ब्रूस ली की फैन भी.
मार्शल आर्ट किरण के जीवन में एक जुनून बना रहा लेकिन शादी के बाद इसमें ब्रेक लग गया. बच्चों की पैदाइश से अंतराल के बाद वो फिर से ताइक्वंडो के मैदान में दाखिल हुई. इस दूसरी पारी में तो और भी निखार आ गया और फिर तो ऐसा हुआ कि उन्होंने एक के बाद एक रिकॉर्ड बनाने शुरू कर दिए. 15 विश्व रिकॉर्ड में से 7 तो उनके गिनीज़ बुक में दर्ज हैं.