भारत में बन्दूकों से लेकर टैंक और कई तरह के अत्याधुनिक हथियार बनाने वाली ऑर्डनेन्स फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) की इकाइयों में सोमवार से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है. इन 41 इकाइयों के 82 हज़ार हड़ताली कर्मचारियों के संगठनों ने सरकार से बातचीत के बाद काम पर लौटने का फैसला लिया है. रक्षा उत्पादन सचिव ने शनिवार को हुई बैठक में इन संगठनों को भरोसा दिलाया है कि ऑर्डनेन्स फैक्टरी बोर्ड को कॉर्पोरेट में तब्दील करने के प्रस्ताव की प्रक्रिया चल रही है और इस सन्दर्भ में कर्मचारियों की तरफ से प्रकट की जा रही चिंताओं और अन्य पहलुओं की पड़ताल के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की सिफारिश की जाएगी.
दूसरी तरफ ऑर्डनेन्स फैक्टरी बोर्ड के कर्मचारियों की नुमायन्दगी करने वाले मान्यता प्राप्त तीन संगठनों आल इण्डिया डिफेन्स इम्प्लाइज़ फेडरेशन (AIDEF), द इंडियन नेशनल डिफेन्स वर्कर्स फेडरेशन (INDWF) और भारतीय प्रतिरक्षा संघ मजदूर (BPMS) ने एक साझा बयान में कहा है कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि फैक्टरी बोर्ड को कॉर्पोरेट में तब्दील करने का अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और इसलिए 26 अगस्त से हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.
बैठक के दौरान रक्षा उत्पादन सचिव को कर्मचारियों के वेतन, स्वास्थ्य सुविधाओं, और सेवा सम्बन्धी उन तमाम पहलुओं के बारे में अवगत कराया गया जो ऑर्डनेन्स फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) को कॉर्पोरेट में तब्दील करने से प्रभावित हो सकते हैं. रक्षा मंत्रालय के अधीन ऑर्डनेन्स फैक्टरी बोर्ड में सिविल (गैर सैन्य) कर्मचारी 20 अगस्त से हड़ताल पर थे. इनका दावा है कि सरकार ऑर्डनेन्स फैक्टरी बोर्ड का निजीकरण कर रही है जबकि सरकार इसे गलत बताती रही है.
दूसरी तरफ ओईएफ कर्मचारी यूनियन, कानपुर के महामंत्री आशीष पाण्डेय का कहना है कि हड़ताल स्थगित होने से रक्षा मंत्रालय जीत गया है और कानपुर महानगर की 5 आर्डनेंस फैक्टरियों के कर्मचारी हड़ताल वापस लिए जाने से भारी रोष में हैं. राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के प्रदेश अध्यक्ष आशीष ने आज कानपुर में हड़ताल वापस लिए जाने के खिलाफ आयोजित सभा में इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. महासंघों की आलोचना करते हुए आशीष ने कहा कि तीनों महासंघो के अध्यक्ष और महामंत्री 90% रिटायर हैं और 82 हजार स्थायी कर्मचारी के जीवन मरण का फैसला ये लोग कर रहे हैं जो अमान्य है.