प्राइवेट सिक्युरिटी एजेंसियों के लिए बना वेब पोर्टल आम लोगों के भी काम का

537
प्राइवेट सिक्युरिटी एजेंसियों के लिए बना वेब पोर्टल

भारत सरकार ने प्राइवेट सिक्युरिटी एजेंसियों के लिए लाइसेंसिंग पोर्टल बनाया है जिसके ज़रिये लाइसेंसिग की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा देशभर में लाइसेंसशुदा प्राइवेट सिक्युरिटी एजेंसियों, उनके गार्ड्स और ट्रेनिंग आदि के बारे में भी इस पोर्टल पर जानकारियाँ उपलब्ध हैं. फिलहाल अंग्रेजी में बनाये गये इस पोर्टल को लांच किया गया है लेकिन इसे तमाम भारतीय भाषाओँ में भी मुहैया कराने की योजना है. इसकी वजह है निजी सुरक्षा एजेंसियों का राज्यों में रजिस्ट्रेशन होना और इसका इस्तेमाल सुरक्षा गार्डों व आम लोगों के लिए भी व्यवहारिक बनाना.

भारत में ‘प्राइवेट सिक्युरिटी एजेन्सीज (रेगुलेशन) एक्ट 2005’ के तहत निजी सुरक्षा एजेंसियों का पंजीकरण आदि होता है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से बनाये गये इस पोर्टल psara.gov.in को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लांच किया. इस पोर्टल से पता चल सकता है कि कौन कौन सी एजेंसी लाइसेंस वाली है, उसका लाइसेंस कब खत्म होगा, उसका दफ्तर कहाँ है और उसका ट्रेनिंग सेंटर कहां है? ये जानकारियाँ निजी सुरक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए ही सिर्फ नहीं उनके लिए भी काम की है जो इन एजेंसियों की सेवा लेना चाहते हैं.

निजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए लाइसेंसिंग पोर्टल की लांचिंग.

लाखों लोगों को रोज़गार देने वाले इस क्षेत्र की कम्पनियों के लिए अलग राज्य में अलग नियमों का होना कभी कभी रुकावटें पैदा करता है. इस दिक्कत को कम करना भी इस पोर्टल का मकसद है क्यूंकि ये सब राज्यों के लिए एक ही मंच के तौर पर काम कर सकता है. गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने बताया कि राज्य के नियंत्रण अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर पोर्टल का निर्माण किया गया है जिसमें आवेदन की प्रक्रिया तथा लंबित अवधि आदि पर निगरानी रखी जा सकेगी.

गृह मंत्री अमित शाह ने पोर्टल का लोकार्पण करते हुए कहा कि निजी सुरक्षा रक्षकों का देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान है. निजी सुरक्षा रक्षक ही फर्स्ट लाइन आफ रिस्पांडर होते हैं और पहली लाइन जितनी चुस्त-दुरुस्त होगी दूसरी तथा तीसरी लाइन का काम उतना ही आसान होगा.

श्री शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को कहा कि निजी सुरक्षा गार्डों के प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए, सुरक्षा गार्डों के थानों के साथ सामंजस्य और संवाद होने चाहिए तथा आधुनिक तकनीकी प्रणालियों के साथ उनका प्रशिक्षण किया जाना चाहिए. श्री शाह का कहना था कि इस पोर्टल के अनेक फायदे हैं और 90 दिन के अंदर सभी भारतीय भाषाओं में यह पोर्टल उपलब्ध होगा. उनका कहना था कि इस तरह के नियम बनाये जायेंगे कि पोर्टल का अखिल भारतीय स्वरूप हो तथा एक राज्य में रजिस्टर एजेंसी के लिए दूसरे राज्य में कार्य करना आसान हो. श्री शाह ने कहा कि निजी सुरक्षा गार्डों के पुलिस वेरिफिकेशन में काफी समय लगता था किंतु अब 90% से ज्यादा थाने ऑनलाइन हैं जिससे गार्ड के बारे में समस्त जानकारी प्राप्त की जा सकती है और इस पोर्टल के माध्यम से सभी गार्डों तथा सुरक्षा एजेंसियों की अधिक से अधिक जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध होगी.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि निजी सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. उनका यह भी कहना था कि बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक इन एजेंसियों के माध्यम से कार्य कर रहे हैं और एनसीसी तथा स्किल इंडिया सर्टिफिकेट धारकों को रोजगार में प्राथमिकता दी जानी चाहिये. उनका ये भी कहना था कि जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे जन-धन योजना, सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना का लाभ सुरक्षा गार्ड को दिया जाना चाहिये. उन्होंने बताया कि 90 दिनों तक इस पोर्टल से संबंधित सुझाव प्राप्त किये जायेंगे.

इस मौके पर अपने सम्बोधन में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने निजी सुरक्षा एक्ट पर कार्यान्वयन को एक चुनौती बताते हुए कहा कि इससे पार पाने में इस पोर्टल की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. उनका कहना था कि बिना लाइसेंस वाली तथा गैर कानूनी संस्थाओं पर रोक लगनी चाहिए. उनका यह भी कहना था कि सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से बड़ी संख्या में रोजगार पैदा हो रहा है जो आने वाले दिनों में और बढ़ेगा इसलिए आवश्यक है कि सुरक्षा एजेंसियां अपने कर्मचारियों के हितों का भी ध्यान रखें.