राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में हर शनिवार और रविवार को होने वाला चेंज ऑफ़ गार्ड (change of guard) समारोह जनवरी और फरवरी की कुछ तारीखों पर नहीं होगा. ऐसा गणतंत्र दिवस समारोह और उसके पूर्वाभ्यास कार्यक्रमों की वजह से करना पड़ रहा है. जिन तारीखों पर चेंज ऑफ़ गार्ड की सैन्य रस्म नहीं होगी वो हैं : 18 , 19 , 25 और 26 जनवरी. वहीं 2 फरवरी को बीटिंग रिट्रीट के कारण ये नहीं होगा.
कैसे होता है ये :
सेना के ऐतिहासिक महत्व की चेंज ऑफ़ गार्ड की रस्म दुनिया भर में राज्याध्यक्षों के निवास और महलों पर होती है जब वहां के प्रहरियों की ड्यूटी बदली जाती है. भारत के राष्ट्रपति भवन (प्रेसिडेंट हाउस President House ) में भी इसका इतिहास है जिसके तहत, राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में तैनात 1773 में गठित यानि सबसे पुरानी रेजिमेंट, प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड्स (President’s Bodyguard ) की टुकड़ियां एक दूसरे के साथ ड्यूटी बदलती हैं. ख़ास बात ये है कि ये जवान योद्धा कौमों सिख, राजपूत और जाट के होते हैं और किसी का भी कद 6 फुट से कम नहीं होता.
रंग बिरंगी परम्परागत सैनिक पोशाकों में सजे जब 6 फुटे जवान सैनिक बैंड की धुनों के साथ मार्च पास्ट करते हैं तो ये नज़ारा वाकई अद्भुत लगता है. उस पर घुड़सवार दस्ते का आगमन पूरे माहौल में जोश और शक्ति का संचार कर देता है. माँ तुझे सलाम, सारे जहां से अच्छा और समापन में राष्ट्रगान यानि पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर होता है.
सैनिक टुकड़ियों का एक दूसरे को सम्मान देते हुए सलामी देना और स्वीकार करना, ज़िम्मेदारी के तौर पर चाभी सौंपना और उनकी कदमताल सचमुच में बेहद दिलचस्प नज़ारा पेश करती है. उस पर घोड़ों पर सधे हुए जवान और उनकी वेशभूषा पूरे समारोह में चार चाँद लगा देती है.
कैसे हुआ बदलाव :
तकरीबन आधे घंटे तक चलने वाले इस फौजी परम्परागत समारोह को देखना बेहद मज़ेदार अनुभव है. आम लोगों के लिए इसे देखने की मंजूरी पहली बार 2007 में हुई थी. प्रणब मुखर्जी के भारत का राष्ट्रपति बनने के बाद इसमें पब्लिक का आना और आसान किया गया वहीं सुविधा के मुताबिक़ इसे राष्ट्रपति भवन के सामने मुख्य प्रांगण में किया जाने लगा.
आप भी देखने ऐसे जा सकते हैं :
कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट पर जाकर अपना निशुल्क पंजीकरण करवाकर यहाँ आकर चेंज ऑफ़ गार्ड (change of guard) समारोह का आनन्द ले सकता है. आजकल देशी ही नहीं विदेशी सैलानियों के लिए भी, राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में हर शनिवार और रविवार को होने वाला ये ‘ चेंज ऑफ़ गार्ड’ समारोह आकर्षण का केंद्र बन गया है. दिल्ली और इसके आसपास रहने वालों के लिए तो इसका बार बार आनन्द लेने का मौका है, बाहर से राजधानी आने वालों को भी जीवन में कम से कम एक बार इसका अनुभव ज़रूर करना चाहिए.