‘नई राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति की ओर’ विषय पर 12वां भारतीय सुरक्षा सम्मेलन यहां आयोजित किया गया. सम्मेलन के दौरान महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आधारभूत ढांचों की सुरक्षा, उभरते साइबर खतरों : घटनाओं, चुनौतियों एवं प्रतिक्रिया जैसे कई विषयों पर चर्चा हुई.
इस दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जहां तक प्रौद्योगिकी, विशेष संचार तकनीक का संबंध है, भारतीय समाज तेजी से विकास की राह पर बढ़ रहा है. ‘डिजिटल संस्कृति’ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में परिवर्तित हो रही है. उन्होंने कहा कि हर प्रौद्योगिकी की अपनी उपयोगिता है, इसी तरह साइबर प्रौद्योगिकी में इन दिनों बड़ी तेजी आई है लेकिन एक वरदान होने के साथ ही यह प्रौद्योगिकी एक बड़ा खतरा भी बन गई है. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर साइबर खतरे का भी जिक्र किया.
केंद्रीय मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में सुरक्षा की अवधारणा खुद बदलाव के दौर से गुजरी है. इसके अपने पैमाने हैं; बाहरी और आंतरिक. उन्होंने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि आतंकवाद, आतंकवाद होता है और इसमें जाति, पंथ और धर्म के आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि हमें प्राथमिकताएं निर्धारित करने की जरूरत है. केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि साइबर सुरक्षा से जुड़ा खतरा जल्द ही दूर हो जाएगा और हम साइबर खतरे से निपटने के तरीके खोज लेंगे.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस मौके पर कहा कि हम सभी एक डिजिटल दुनिया में रह रहे हैं. सुरक्षा इनमें से एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है जिसके बारे में हम सभी को विचार करना होगा. अब जैसे कि हम विभिन्न तकनीक अपना रहे हैं, तो हम खासतौर पर साइबर सुरक्षा से जुड़ी अलग-अलग चुनौतियों का सामना भी कर रहे हैं. जी. किशन रेड्डी ने कहा कि साइबर सुरक्षा के लिए नए उपकरण और तकनीक को तेजी से विकसित किया जाना चाहिए.
जी. किशन रेड्डी ने कहा कि साइबर जगत युद्ध का नया मैदान बन गया है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में सफल साइबर हमलों से काफी वित्तीय हानि और दूसरी दिक्कतें सामने आती हैं. डिजिटल गवर्नेंस और इसके व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए साइबर सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है. गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि साइबर खतरों से निपटने के लिए कई उपाय किए गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में साइबर अपराधों से समन्वित और प्रभावी तरीके से निपटने के लिए ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी)’ योजना की शुरुआत की है. इस मौके पर उऩ्होंने ‘साइबर स्वच्छता केंद्र’ का भी जिक्र किया. यह इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत भारत सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम का एक हिस्सा है.
जी. किशन रेड्डी ने सेमिनार और सलाह के जरिये जागरुकता पैदा करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने साइबर खतरे का मुकाबला करने के लिए सभी हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए.
एनआईसी की महानिदेशक नीता वर्मा ने कहा कि भारत इंटरनेट का तीसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और हाल के वर्षों में साइबर अपराध कई गुना बढ़ गए है साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं. नीता वर्मा ने सरकार के प्रयासों को पूरा करने के लिए सभी हितधारकों द्वारा भी कोशिश किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह एक बार का नहीं बल्कि लगातार चलने वाला काम है और हम सबकी साझा जिम्मेदारी है.