किरण बेदी ने फिर चौंकाया – जानिये, अब किसे सबक सिखाने को चलाया डंडा

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किरण बेदी
मन्नादिपेट गाँव के हालात देखने के बाद डाक्टरों और अधिकारियों को समझातीं किरण बेदी

देश की पहली महिला आईपीएस (रिटायर्ड) किरण बेदी ने बतौर उपराज्यपाल, आज सुबह सुबह कुछ उस स्टाइल से निर्देश जारी किये, जो स्टाइल उनका पुलिस अफसर रहते हुए था. उनके इस निर्देश पर एक बार फिर उस केन्द्रशासित प्रदेश पुडुचेरी के सियासी मंच से हायतौबा मचना और विवाद खड़ा होना तय है जिससे अक्सर उनका छत्तीस का आंकड़ा माना जाता है. श्रीमती बेदी ने उन गांवों में फ्री चावल बांटे जाने पर रोक लगा देने को कहा है जिन गांवों में अब भी लोग खुले में शौच करते हैं और जो गाँव गंदगी से पटे हुए हैं.

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मन्नादिपेट गाँव में सडक किनारे इस तरह लोग कूडा फेंक जाते हैं. अपने दौरे के दौरान यह देखकर किरण बेदी ने अधिकारियों को ये सब रोकने के निर्देश दिये

आज टीम राजनिवास के साथ 155 वें प्रात:कालीन दौरे पर निकलीं किरण बेदी ने मन्नादिपेट गाँव के हालात देखने के बाद ये निर्देश दिए. उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े अधिकारियों, मुख्य सचिव और अन्य अफसरों को निर्देश दिए हैं कि जब तक गाँव खुले में शौच से मुक्त और साफ़ सुथरे नहीं हो जाते तब तक वहां के लोगों को मुफ्त में चावल की सप्लाई रोक दी जाए. ये सप्लाई तभी शुरू की जाए जब वहां के विधायक और समुदाय आयुक्त गाँव के खुले में शौच मुक्त और साफ़ होने का प्रमाणपत्र सार्वजनिक वितरण विभाग को जमा करायेंगे जिसे अलग से वेरीफाई किया जाएगा. इसके लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए 4 हफ्ते की मोहलत दी गई है जिसकी समय सीमा 31 मई तय की गई है.

श्रीमती बेदी ने नाबार्ड (NABARD) से भी कहा है कि वे उन्हीं गैर सरकारी संस्थानों/ समाजसेवी संस्थाओं (NGO) को मदद ना दें जो अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कचरा प्रबन्धन अभिन्न अंग बनाते हैं.

ग्रामीण इलाकों में सफाई की कुव्यवस्था और कचरा प्रबन्धन की कमी पर नाराज श्रीमती बेदी का कहना था कि, ‘हमने ग्रामीण इलाकों में दौरे के वक्त देखा है कि स्थानीय लोगो और समुदायों का नेतृत्व करने वाले हर तरह के मुद्दे से जुड़ी मांगें सामने रखते हैं लेकिन अपने क्षेत्र के गाँव की सफाई व्यवस्था को लेकर उतनी बेसब्री नहीं दिखाते और यही वजह है जो गांवों में पानी में गंदगी से जलजनित बीमारियाँ होती हैं’.

उन्होंने इस दिशा में अब तक धीमी रफ्तार से हुए काम पर अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि अब हालात बदलने में स्थानीय नेता और अधिकारी को अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए.