डीआरडीओ के सहयोग से जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय में कलाम सेंटर खुलेगा

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जम्मू में विज्ञान और टेक्नोलॉजी के लिए कलाम सेंटर खोलने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने समझौता किया.

जम्मू में विज्ञान और टेक्नोलॉजी के लिए कलाम सेंटर खोला जायेगा. भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले ही मिसाइलमैन के तौर पर मशहूर रहे एपीजे अब्दुल कलाम के नाम खुल रहे इस सेंटर के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने समझौता किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आज नई दिल्ली में समझौता ज्ञापन पर दस्तखत किए गए.

रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक समझौता ज्ञापन का मकसद उद्देश्य बहुविषयी बुनियादी और प्रायोगिक अनुसंधान और कम्प्यूटेशनल सिस्टम सिक्युरिटी और सेंसर में टेक्नोलॉजी विकास करना और सहायता देना है. सेंटर में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और इन क्षेत्रों में शोध करने वालों की संख्या बढ़ाने के लिए आधुनिक उपकरण होंगे.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कलाम सेंटर एक राष्ट्रीय संपत्ति होगा और भारत को मजबूत और समृद्ध बनाने में योगदान देगा. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने आशा व्यक्त की कि बहुत कम समय में जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय में विश्वस्तरीय केन्द्र बनेगा और अत्याधुनिक प्रणालियां विकसित की जाएंगी.

विश्वविद्यालय के चांसलर एम्बेसडर जी. पार्थसारथी ने गुणवत्ता संपन्न अनुसंधान के उद्देश्य से उच्चस्तरीय अनुसंधान केन्द्र स्थापित करने के लिए डीआरडीओ की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में बड़ी संख्या में वैज्ञानिक तैयार होंगे.

इस अवसर पर जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक आइमा तथा डीआरडीओ के महानिदेशक (टेक्नोलॉजी प्रबंधन) सुधीर गुप्ता भी उपस्थित थे. जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय केन्द्र वित्तपोषित विश्वविद्यालय है और इसकी स्थापना देश तथा विश्व को ज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार में योगदान के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 के तहत की गई थी.