भारत का रक्षा बजट तीन लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया

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रक्षा बजट
प्रतीकात्मक फोटो

भारत सरकार ने इस साल रक्षा बजट के लिए तीन लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की धनराशि का प्रावधान किया है. ऐसा पहली बार हो रहा है जब रक्षा बजट में किये गये प्रावधान में इतनी राशि हो और इस मद में ये अब तक की सबसे बड़ी राशि है.

केन्द्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि साल 2018-19 के बजट अनुमानों में दिए गए 2,82,733 करोड़ रुपये की तुलना में साल 2019-20 के लिए बजट अनुमानों में 3,05,296 करोड़ रुपये प्रदान किये गये हैं. इन आंकड़ों को वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमानों में 2,85,423 करोड़ रुपये तक संशोधित किया गया था. श्री गोयल ने कहा कि हमारी सीमाओं को सुरक्षित करने और उच्चतम स्तर की तैयारियों को बनाये रखने के लिए यदि आवश्यकता होती है तो अतिरिक्त‍ निधियां प्रदान की जायेगी.

रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने के मुद्दे पर अंतरिम बजट 2019-20 में कहा गया है कि भारतीय सैनिक दुर्गम परिस्थितियों में देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं और वे गर्व और सम्मान के पात्र हैं. वित्त मंत्री श्री गोयल ने कहा कि उनके सम्मान पर महत्वपूर्ण रूप से ध्यान दिया गया है.

श्री गोयल ने दावा किया कि वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) का जो मुद्दा 40 वर्षों से लंबित था, अब इसे हल कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों (यूपीए) ने तीन बजटों में इसका ऐलान किया था लेकिन 2014-15 के अंतरिम बजट में सिर्फ 500 करोड़ रूपये का आवंटन किया था. इसकी तुलना में मौजूदा सरकार इसके प्रति सच्ची भावना के साथ इस योजना को कार्यान्वित करने के बाद पहले से ही 35,000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार सभी सेनाकर्मियों की सैन्य सेवा वेतनमान (एमएसपी) में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोत्तरी और अत्यधिक जोखिम से भरे क्षेत्रों में तैनात नौसेना और वायुसेना कर्मियों को विशेष भत्ते‍ दिये जाने की घोषणा कर चुकी है.