भारत ने राजकीय सम्मान के साथ पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को आख़री विदाई दी

15
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का शनिवार को निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.  आधुनिक भारत की आर्थिक प्रगति को आकार देने वाले नेता डॉ मनमोहन सिंह  ( dr manmohan singh ) के पार्थिव शरीर को भारतीय सेना की तोप गाड़ी पर दिल्ली के निगमबोध घाट लाया गया. यहां तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी. इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की रस्में पूरी की गईं. मुखाग्नि उनकी बड़ी बेटी उपिन्दर  कौर ने दी.
साल 2004 से 2014 तक भारत के  प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र  में निधन हुआ . डॉ सिंह काफी  समय से बीमार थे और बीच में उपचार के अस्पताल में भी भर्ती हुए थे परंतु उन्होंने अपने  जीवन के  अंतिम दिन  घर पर ही बिताए .  गुरुवार को अचानक  बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( AIIMS)  लाया गया था.  एम्स के  बुलेटिन के मुताबिक, रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली.
अलविदा

जाने माने अर्थशास्त्री रहे डॉ मनमोहन सिंह को  श्रद्धांजलि देने के लिए प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी मौजूद थे.

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह  ( former prime mister of india ) के परिवार में उनकी पत्नी गुरशरण कौर और  बेटियां- उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह हैं.
भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान 1932 में गाह नामक गांव  ( अब पाकिस्तान में है और  तब ब्रिटिश शासित भारत था ) में पैदा हुए मनमोहन सिंह ने विशाल राष्ट्र में गरीबी को मिटाने का तरीका खोजने के लिए अर्थशास्त्र का अध्ययन किया.
उन्होंने कैम्ब्रिज  (cambridge) और ऑक्सफ़ोर्ड ( oxford) में पढ़ाई की. कैम्ब्रिज में  उन्होंने अर्थशास्त्र में प्रथम स्थान हासिल  किया और ऑक्सफोर्ड में  अपनी डॉक्टरेट पूरी की.  दोनों में पढ़ाई करने के लिए उन्होंने  छात्रवृत्ति ली थी . डॉ मनमोहन सिंह ने कई वरिष्ठ सिविल सेवा पदों पर काम किया. भारत के  केंद्रीय बैंक  यानि रिज़र्व  बैंक ऑफ़  इंडिया के  गवर्नर  ( RBI Governor ) के रूप में कार्य किया और संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक एजेंसियों के साथ विभिन्न नौकरियों में भी काम किया.

मनमोहन सिंह का परिवार : 

डॉ मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी बेटी उपिंदर सिंह ( upindar kaur )  एक प्रतिष्ठित इतिहासकार हैं. वह  वर्तमान में हरियाणा के अशोका विश्वविद्यालय में संकाय की डीन के पद  पर हैं .  उन्होंने भारतीय इतिहास पर कई काबिल ए तारीफ़ किताबें  लिखी हैं.  उनके कार्य   ‘ प्राचीन और प्रारंभिक मध्यकालीन भारत का इतिहास ‘ ने उन्हें सामाजिक विज्ञान में इन्फोसिस पुरस्कार दिलाया है.  उपिंदर की शादी विजय तन्खा से हुई है, जो प्राचीन यूनानी दर्शन पर अपने व्यापक काम के लिए जाने जाने वाले एक प्रसिद्ध लेखक हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का शोक संतप्त परिवार

मनमोहन सिंह की दूसरी बेटी दमन सिंह ( daman singh ) एक लेखिका हैं और   व्यक्तिगत व सामाजिक विषयों की खोज करने वाली अपनी रचनाओं के लिए जानी जाती हैं.  उनकी किताब ‘ स्ट्रिक्टली पर्सनल ‘ strictly personal उनके माता-पिता की अंतरंग जीवनी प्रस्तुत करती है, जबकि ‘द लास्ट फ्रंटियर’  the last frontier मिजोरम में लोगों और जंगलों के बीच संबंधों पर प्रकाश डालती है. दमन कौर की  शादी  भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे  अशोक पटनायक  ( ips ashok patnaik ) से हुई है जो पहले भारत के राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (NATGRID) के सीईओ के रूप में काम कर चुके हैं।.

डॉ मनमोहन सिंह की सबसे छोटी बेटी अमृत सिंह  ( amrit singh ) एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार वकील  ( human rights lawyer ) हैं.  वह संयुक्त राज्य अमेरिका में  स्टैनफोर्ड में कानून पढ़ाती हैं और वैश्विक न्याय की वकालत करती हैं.  उनकी शैक्षणिक यात्रा येल, ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों तक फैली हुई है, जो उत्कृष्टता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.