अपने जमाने के महान कमेंटेटर जसदेव सिंह चल बसे, दिल्ली में अंतिम सांस ली

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जसदेव सिंह
ग्रेट कमेंटेटर जसदेव सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे.

भारतीय गणतंत्र और सेना का सबसे बड़ा उत्सव यानि 26 जनवरी की परेड का बरसों तक लगातार आँखों देखा हाल बताने वाली आवाज़ के मालिक जसदेव सिंह इस दुनिया से कूच कर गये. लम्बी बीमारी के हालात के बीच अस्पताल में भर्ती जसदेव सिंह ने मंगलवार (25 सितम्बर) को 87वें बरस में आखिरी सांस ली.

आल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से सालों की नौकरी से रिटायर के होने बाद उन्होंने भले ही कमेंटरी करनी छोड़ दी थी लेकिन उनकी आवाज की कमी हरेक गणतंत्र दिवस पर और विभिन्न खेलों के मैच के वक्त टीवी के दर्शकों और रेडियो के श्रोताओं को खलती रही.

जसदेव सिंह
ग्रेट कमेंटेटर जसदेव सिंह की आवाज ही नहीं मुस्कान भी गजब की थी.

अपने जमाने के महान कमेंटेटर जसदेव सिंह का आँखों देखा हाल का अंदाज-ए-बयां इतना ज़बरदस्त था कि रेडियो सुनने वालों को लगता था कि जैसे मैच देख रहे हैं. ये वो वक्त था जब भारत में टेलीविज़न तो लोगों ने देखा ही नहीं था, रेडियो भी किसी किसी भारतीय परिवार के नसीब में था.

जसदेव सिंह 1963 से सरकारी टीवी चैनल दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के लिए कमेंटरी करते आ रहे थे. उन्होंने 1955 में जयपुर में ऑल इंडिया रेडियो में काम शुरू किया और 8 साल बाद दिल्ली आ गए लेकिन राजस्थान को उन्होंने छोड़ा नहीं. पिंक सिटी जयपुर उन्हें हमेशा भाता था. उन्होंने करीब 35 साल तक उन्होंने दूरदर्शन में काम किया.

सरकार ने 1985 में उन्हें पद्मश्री और 2008 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था. इतने बरसों के लम्बे पेशेवर करियर में जसदेव सिंह ने नौ ओलम्पिक खेलों के अलावा आठ हॉकी विश्व कप और छह एशियाड में कमेंटरी की. इसके लिए जसदेव सिंह को ओलम्पिक खेलों के सबसे बड़े खिताब ‘ओलम्पिक ऑर्डर’ से भी नवाज़ा गया था.

कमेंटेटर जसदेव सिंह को इन खेलों से जुड़े आंकड़े और दिलचस्प किस्से गज़ब के याद रहते थे. इस मामले में वह चलता फिरता इनसाइक्लोपीडिया थे. हाकी के खेल से उन्हें सबसे ज्यादा लगाव था.

रक्षक न्यूज़ टीम की तरफ से महान कमेंटेटर और खेलप्रेमी जसदेव सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि यह कहते हुए कि जसदेव जी आप शरीर से हमारे बीच अब भले ही नहीं हैं लेकिन आपकी आवाज ने आपको अमर कर दिया है…