भारत के पूर्व रक्षा मंत्री और वर्तमान में गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर का आज शाम गोवा मेडिकल कालेज में निधन हो गया. वह लम्बे समय से पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे. और नाक में ड्रिप लगाकर राज्य का शासन चला रहे थे. उनके रक्षा मंत्री रहते भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक की थी. मनोहर पर्रीकर के निधन पर केंद्र सरकार ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. सोमवार शाम पणजी में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा.
अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए मशहूर चार बार मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रीकर ऐसे पहले भारतीय मुख्यमंत्री थे जो आईआईटियन थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुख जताते हुए कहा कि मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है. रक्षा मंत्री के रूप में सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने में उनका योगदान अमिट रहेगा. गोवा के पूर्व पुलिस महानिदेशक और आईपीएस अधिकारी मुक्तेश चंद्र ने उन्हें एक ट्वीट के जरिए श्रद्धांजलि दी है.
Extremely shocked & saddened to know about untimely passing away of @manoharparrikar @goacm. It was an honour to serve under his able guidance as SSP, DIG and till very recently as DGP Goa. India has lost a great leader. I salute him. May God bless his soul & rest him in peace.
— Dr. Muktesh Chander, IPS (@mukteshchander) March 17, 2019
वह फिलहाल 14 मार्च 2017 को गोवा के मुख्यमंत्री बने थे. उससे पहले वह 2000 से 2005 तक तथा 2012 से 2014 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद मनोहर ने मुख्यमंत्री का पद छोडकर रक्षा मंत्री का पद ग्रहण किया था. मनोहर का जीवन ऐसा था कि वह गोवा में अपने स्कूटर से ही आफिस जाते थे और किसी भी चाय की दुकान में रुककर चाय पी लिया करते थे.
मुख्यमंत्री आवास के बजाय अपने छोटे से घर में रहने वाले मनोहर पर्रीकर का जन्म गोवा के मापुसा गांव में 13 दिसंबर 1955 को हुआ था. गोपाल कृष्ण पर्रीकर और राधा बाई के पुत्र मनोहर ने लोयोला हाई स्कूल से शिक्षा हासिल की थी. 12वीं के बाद उन्होंने मुम्बई में आईआईटी से अपनी मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की थी. वह मराठी, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं के जानकार थे. उनकी पत्नी का नाम मेधा पर्रीकर था. दोनों की शादी 1981 में हुई थी. उनके दो बेटे हैं उत्पल और अभिजीत. उत्पल इंजीनियर हैं जबकि अभिजीत का खुद का व्यापार है.
मनोहर की पत्नी का सन 2000 में निधन हो चुका है. यह वह समय था जब एक तरफ मनोहर पर्रीकर के ऊपर मुख्यमंत्री पद संभालने की जिम्मेदारी थी तो दूसरी ओर उनकी पत्नी कैंसर से ग्रस्त होने के कारण गंभीर स्थिति में थीं और बच्चे छोटे थे. पत्नी के निधन के बाद शासन और परिवार को उन्होंने बखूबी संभाला.