भारत सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्रियों ने देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं से जान माल की होने वाली क्षति पर चिंता ज़ाहिर की और इस समस्या के समाधान के लिए तरह तरह से काम करने की ज़रूरत पर जोर दिया. उन्होंने ये भी बताया कि सरकार क्या कर रही है लेकिन साथ ही ये भी कहा कि ये काम अकेले सरकार नहीं कर सकती. इसके लिए अलग अलग वर्गों को अपने अपने तरीके से आगे आकर पहल करने के साथ साथ मिलकर काम भी करना होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा इन मंत्रियों में सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी के साथ सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री भारत के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह भी थे.
ये मंत्री नई दिल्ली में सड़क सुरक्षा हितधारक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे और इस सम्मेलन में सड़कों के हालात, उन पर होने वाले हादसों, इन्हें रोकने के उपायों, इनसे जुड़ी वर्तमान योजनाओं के साथ आने वाले समय में किये जा सकने वाले उपायों पर मंथन हुआ.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह :
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि 2018 में देश में सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों की संख्या करीब ड़ेढ़ लाख थी और बहुत सारे घायल भी हुए थे. यह संख्या प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली मौतों से भी कहीं बहुत ज्यादा है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर मौतें तेज रफ्तारी से हुईं. ऐसी रफ्तार ने करीब 97500 लोगो की जान ली. उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं का केवल आर्थिक प्रभाव ही नहीं पड़ता बल्कि यह दुर्घटना पीडि़तों के परिजनों पर मानसिक और भावनात्मक रूप से भी असर डालती है.
रक्षा मंत्री ने लोगों से नववर्ष पर सुरक्षा उपाय अपनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया और कहा कि उन्हें सड़क दुर्घटनाओं पीडि़तों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने युवाओं से सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में लोगों को जागरुकता बनाने के लिए व्हाट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेेेटफार्म का इस्तेमाल करने की अपील की. राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि कार चलाते समय टीवी और मोबाइल फोन का इस्तेमाल आजकल एक बड़ी समस्या बन चुका है.
नितिन गडकरी :
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा सूक्ष्म ,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने सम्मेलन में उपस्थित छात्रों से बड़ी संख्या में देश के युवाओं के व्यवहार में व्यापक बदलाव लाने के लिए सड़क सुरक्षा के ब्रांड एंबेसडर बनने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं से युवा सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि उनके मंत्रालय द्वारा शुरू की गई सड़क दुर्घटनाओं का एकीकृत डेटा बेस परियोजना न केवल अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम अभ्यास पर आधारित विश्लेषणात्मक क्षमताओं को बढ़ाएगी, बल्कि संबंधित राजमार्ग प्राधिकणों के माध्यम से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुधारात्मक उपाय करने में भी मदद करेगी. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े एकत्र करने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों को 30 हजार से ज्यादा टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे.
जनरल वी के सिंह :
सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री डॉ.वी के सिंह ने कहा कि सरकार सड़कों की इंजीनियरिंग में सुधार लाने, दुर्घटनाओं में मदद के लिए आपातकालीन सेवाओं को बेहतर बनाने तथा नागरिकों के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि हालाँकि, अकेले सरकार के प्रयास पर्याप्त नहीं होंगे और इसके लिए बड़े पैमाने पर नागरिकों को सहयोग करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को एक सामाजिक आंदोलन बनाने की आवश्यकता है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं, जिसमें सड़कों पर ब्लैक स्पॉट वाले स्थानों में सुधार लाना, सडकों के निर्माण को बेहतर बनाना, वाहन चालकों को प्रशिक्षण तथा जागरुकता अभियान आदि शामिल हैं.
श्री सिंह ने कहा कि अब केंद्र सरकार इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और प्रवर्तन के लिए नियम बना सकती है जिसे अपने यहां लागू कर राज्य सरकारें राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और शहरी शहरों में नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सड़क सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि “जिला सड़क सुरक्षा समिति” का पुनर्गठन किया गया है ताकि सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के उपायों को लागू किया जा सके. यह समिति अब सांसद सड़क सुरक्षा समिति के नाम से जानी जाएगी. सड़क दुर्घटना पीडि़तों की मदद के लिए आगे आने वाले लोगों को किसी भी नागरिक / आपराधिक कार्रवाई से सुरक्षित रखने के लिए भी मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 में पर्याप्त व्यवस्था की गई है. यह व्यवस्था सर्वोच्च न्यायालय और सड़क परिवहन तथा राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर की गई है.
सचिव डॉ संजीव रंजन :
सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव, डॉ संजीव रंजन ने कहा कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 सड़क सुरक्षा के विभिन्न स्तंभों में बहु-आयामी रणनीतियों के कार्यान्वयन की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम हैं. अधिनियम में यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए सख्त दंड का प्रावधान है. इसमें दुर्घटना के तुरंत बाद बेहद कठिन समय में दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस उपचार का भी प्रावधान है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस, और वाहनों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए प्रावधान बनाकर ई-गवर्नेंस को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह ने समारोह में सभी को सड़क सुरक्षा संकल्प भी दिलाया गया. इस अवसर पर कानून के अच्छे पालन के संबंध में सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए रेहाना नामक एक लघु फिल्म भी जारी की गई.