किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं है सरोज बाला के खिलाफ दर्ज किया वो केस जिसकी जांच अब उससे सीनियर अफसर कर रहे हैं. महिलाओं के जरिये ही महिलाओं की सुरक्षा तय करने की पुलिस नीति के तहत, हरियाणा में बनाये गये थानों के प्रभारी के तौर पर चुनी और तैनात की गई सरोज बाला आजकल फरार है. हिसार के महिला थाने की एसएचओ सरोजबाला पर एक ऐसा गिरोह चलाने का इलज़ाम है जो महिलाओं का ही इस्तेमाल करके पहले व्यवसायियों को ब्लैकमेल करता और फिर मोटी रकम ऐंठता है.
- सबसे पहले हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो के हत्थे चढा सरोज बाला का ड्राइवर
सस्पेंड किये जाने के बाद से सरोजबाला गायब हैं हालांकि उनके कुछ साथी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं और सरोज की पोल पट्टी खोल चुके हैं. मामले की जांच कर रहे, हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो के हत्थे, सबसे पहले सरोज बाला का ड्राइवर सुरेन्द्र तब चढ़ा जब वो एक शख्स से ऐंठी गई रकम लेकर जा रहा था. ये रकम भिवानी के एक होटल मालिक राजेश को ब्लैकमेल करके ले जायी जा रही थी जिसकी खबर राजेश ने खुद हरियाणा के विजिलेंस ब्यूरो को दी थी.
ये किस्सा 26 अप्रैल का है. उस दिन राजेश को सिरसा की एक महिला ने फोन करके हिसार के एक होटल में बुलवाया था. महिला को गये कुछ ही घंटे बीते थे कि राजेश को पुलिस से फोन काल आ गई. फोन करने वाली ने खुद को महिला थाने की एसएचओ बताया और साथ ही उससे कहा कि उसके खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज हुई है.
- ये है फंसाने का तरीका
राजेश ने सरोजबाला से जब मुलाक़ात की तो उसने मामला निपटाने के लिए तीन लाख रुपये मांगे. इसके बाद राजेश ने उस होटल के मालिक योगेश से बात की जिस होटल में महिला ने उसे बुलाया था. असल में योगेश की भी सरोजबाला से मिलीभगत थी. उसने राजेश को भरोसा दिलाया कि वो सरोजबाला के ड्राइवर सुरेन्द्र को जानता है और मामला कम पैसे में सेटल करा देगा. जब राजेश को समझ आया कि उसे फंसाया गया है, तो उसने विजिलेंस ब्यूरो को खबर दी. इस बीच योगेश के कहने पर 70 हज़ार रूपये में बात फाइनल हो गई. जैसे ही ड्राइवर राजेश से पैसा लेकर सरोजबाला को पहुँचाने जाने लगा, विजिलेंस टीम ने उसे धर लिया. योगेश भी उसके साथ ही था. ये 28 अप्रैल की बात है. इस बीच इंस्पेक्टर सरोज बाला गायब हो गई.
15 मई को 22 वर्षीया उस महिला ने ब्यूरो में समर्पण किया, जिसने राजेश को फोन करके फंसाया था. उसने खुलासा किया कि इस रैकेट में अनीता और उसका साथी महेंद्र उसे लेकर आये थे. महेंद्र ऐसे लोगों को तलाश करता था जो महिला के जाल में फंस जाएं और फिर अनीता उस शख्स के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराती थी. इसके बाद पुलिस के दखल से मामला सेटल किया जाता था. ब्यूरो ने इस महिला को ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जहां बयान दर्ज किये जाने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
अंदाजा है कि इस गिरोह के और लोगों के पकडे जाने के बाद ऐसे और खुलासे होंगे जिनमें इस गेंग के शिकार हुए लोगों का पता चल सकेगा. साथ ही पता चलेगा कि सरोज इस धंधे से कितनी कमाई कर चुकी है.
- खाप पंचायत ने चेतावनी दी
इस बीच सरोजबाला ने वकील के जरिये अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया जिस पर अतिरिक्त सत्र न्यायालय में बहस हुई लेकिन अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया. इस मामले को लेकर इलाके में लोगों में गुस्सा भी भड़क रहा है. एक खाप पंचायत ने तो चेतावनी भी दी है कि सरोज जल्दी न गिरफ्तार की गयी तो आन्दोलन छेड़ दिया जाएगा.