एसपी ने छापा मारा तो थाने का इंचार्ज इंस्पेक्टर दीवार फांद फरार हुआ

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फरीदपुर थाना प्रभारी निरीक्षक रामसेवक जो दीवार फांदकर फरार हुआ
उत्तर प्रदेश की पुलिस अब अपने ही उस इंस्पेक्टर को तलाश कर रही है जो अब तक बरेली में फरीदपुर थाने में तैनात था . इस पुलिस इंस्पेक्टर रामसेवक पर नशीले पदार्थों के  तस्करों को रिश्वत लेकर छोड़ने के गंभीर आरोप लगे हैं. छापे के दौरान पुलिस टीम ने इंस्पेक्टर के घर से लाखों रुपये बरामद किये हैं जो तस्करों से वसूले गए बताए जाते हैं .

दरअसल बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ( एसएससी -ssp ) अनुराग आर्य को जब इंस्पेक्टर राम सेवक की रिश्वतखोरी की  जानकारी हुई तो उन्होंने एसपी बरेली साउथ के एसपी मानुष पारीक को कार्रवाई करने के आदेश दिए. आईपीएस  मानुष पारीक ips manush parikऔर फरीदपुर के क्षेत्राधिकारी (सीओ co) गौरव सिंह ने टीम के साथ छापा मारा  को भेज कर इंस्पेक्टर के आवास पर छापा पड़वाया. इंस्पेक्टर रामसेवक  के आवास से 9 लाख 96 हजार रुपये नगद बरामद हो गए. इसी बीच मौका पाकर इंस्पेक्टर रामसेवक दीवार फांदकर फरार हो गया.

रिश्वत लेकर इंस्पेक्टर ने छोड़ा : 
एसएसपी अनुराग आर्य  ssp anurag arya ने बताया कि  दिन में गोपनीय सूचना प्राप्त हुई की फरीदपुर थाना प्रभारी निरीक्षक रामसेवक की तरफ से रात  में दो संदिग्धों को एनडीपीएस के आरोप में पकड़कर 7 लाख रुपये लेकर छोड़ दिया है, जिसकी जांच के लिए क्षेत्राधिकारी फरीदपुर गौरव सिंह थाने पर गये. थाने पर मौजूद  थाना प्रभारी रामसेवक तुरंत  से गायब हो गया. जिसका कमरा चेक करने पर कमरे से लगभग 09 लाख 96 हजार रुपये कैश बरामद हुआ है.

इंस्पेक्टर निलंबित:
पुलिस को जांच में पता चला  कि रात  में इसी इलाके के निवासी आलम और नियाज़ अहमद को थाने पर लाया गया था लेकिन उनको  7 लाख रुपये लेकर थाना प्रभारी की तरफ से छोड़ दिया गया था. इस संबंध में क्षेत्राधिकारी फरीदपुर की तहरीर पर थाना फरीदपुर पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 308(6)/127(2)  भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी निरीक्षक रामसेवक को निलंबित किया गया है और  गिरफ्तारी के  प्रयास किए जा रहे हैं . उम्मीद है कि जल्द ही गिरफ्तारी करते हुए आगे की विवेचनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

 
कौन है इंस्पेक्टर रामसेवक :
इंस्पेक्टर रामसेवक मूल रूप से यूपी के ही हरदोई जिले का निवासी है और फिलहाल उसका परिवार राजधानी लखनऊ में रह रहा है.  इस लिहाज से पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दोनों जगह गई है, लेकिन उसका सूराग  नहीं लगा है.  उसके करीबियों के यहां भी सुरागकशी की जा रही है.
पुलिस हलकों में एक  चर्चा यह  भी है कि इंस्पेक्टर रामसेवक अपने रिश्तेदार विधायक के संरक्षण में जाकर बचने की कोशिश में  होगा.
 वहीं सात लाख रुपये लेकर छोड़े गए आलम और नियाज की तलाश भी हो रही है. उनकी गिरफ्तारी के बाद सच्चाई सामने आ सकेगी कि स्मैक या अफीम कितनी मात्रा में उनके पास थी जिसमें कार्रवाई से बचने को उन्होंने डेढ़ घंटे के अंदर इतनी बड़ी रकम दे दी.
पिस्टल के साथ फरार : 
पता यह भी चला है कि फरार होते समय इंस्पेक्टर रामसेवक ने अपना फोन वहीँ थाने में छोड़ दिया ताकि उसे ट्रेस ने किया जा सके लेकिन सरकारी पिस्टल ले गया . उस समय रामसेवक वर्दी में ही था .