यूपी को फिर मिला नया पुलिस चीफ लेकिन इस बार भी कामचलाऊ , आईपीएस विजय कुमार डीजीपी

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भारत में आबादी के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश  में लगातार तीसरी बार कार्यवाहकपुलिस महानिदेशक ( डीजीपी –  DGP ) की नियुक्ति की गई है. कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा के आज (31 मई ) रिटायर होने पर उन्हीं के बैच के आईपीएस अधिकारी विजय कुमार को  यूपी पुलिस की कमान बतौर  कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक सौंपी गई है .  वह डीजी सीबीसीआईडी तथा निदेशक सतर्कता के पद पर तैनात हैं.  अब वह डीजीपी का भी अतिरिक्त कामकाज संभालेंगे.  यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हरी झंडी के बाद प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने इस बारे  में आदेश जारी कर दिया है.

कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा ( r k vishwakarma ) का 31 मई को सेवानिवृत्त होना  तय था. उनके बाद इस पद के लिए डीजी सीबीसीआईडी विजय कुमार व डीजी (सहकारिता प्रकोष्ठ) आनंद कुमार मुख्य दावेदार माने जा रहे थे.  मुख्यमंत्री योगी ने आईपीएस विजय कुमार के नाम पर मुहर लगाई जो वरिष्ठता सूची में तीसरे नंबर पर हैं.  इनसे ऊपर मुकुल गोयल  (ips mukul goel ) और आनंद कुमार हैं.  इससे पहले बीते सोमवार को शासन स्तर पर माथापच्ची के बावजूद पुलिस विभाग के नए पूर्णकालिक मुखिया के चयन का प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग ( यूपीएससी – upsc ) को नहीं भेजा जा सका था .

साल भर से से पूर्णकालिक डीजीपी नहीं :
उत्तर प्रदेश की पुलिस  ( uttar pradesh police )  बीते एक साल से कामचलाऊ मुखिया की कमान में काम कर कर रही ही .  लगातार तीसरी बार ऐसा हुआ जब यहाँ कार्यवाहक डीजीपी की तैनात किया गया .  11 मई 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी मुकुल गोयल को अचानक हटा दिया गया था.  इसके बाद इंटेलीजेंस के डीजी डीएस चौहान को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक तैनात किया  गया था.   31 मार्च 2023 को डीएस चौहान के सेवानिवृत्त  होने पर  पुलिस भर्ती बोर्ड के महानिदेशक  आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाया गया. आज आरके विश्वकर्मा के रिटायर होने के बाद आईपीएस विजय कुमार को  भी कार्यवाहक डीजीपी लगाया गया है .

क्या अगले साल फिर नया  डीजीपी होगा :
नियमित डीजीपी ( regular dgp ) के बारे में फैसला नहीं हुआ तो आगामी लोकसभा चुनाव तक सरकार को फिर नया डीजीपी तलाशना होगा.  कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार की सेवानिवृत्ति जनवरी-2024 में है.  वरिष्ठता में नंबर एक और पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल की सेवानिवृत्ति फरवरी 2024 है.  वरिष्ठता में नंबर दो और  सहकारिता प्रकोष्ठ के महानिदेशक आईपीएस आनंद कुमार अप्रैल 2024 में रिटायर  होंगे. असल में उनकी  वरिष्ठता को नजरअंदाज कर विजय कुमार को मौका दिया गया है.  अगर  राज्य सरकार नियमित डीजीपी के तौर पर विजय कुमार की तैनाती कर पाती है तो जनवरी के बाद उनका सेवाकाल बढ़ाने का विकल्प जरूर बना रहेगा. अगर उनकी नियमित डीजीपी के तौर पर तैनाती नहीं हुई  तो कार्यवाहक को सेवा विस्तार देने की व्यवस्था नहीं है.

पिता यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर :  
भारतीय पुलिस सेवा के  उत्तर प्रदेश कैडर के 1988 बैच के अधिकारी विजय कुमार  गोरखपुर में संगठित गिरोहों के खिलाफ अभियान चलाने तथा बांदा में डकैतों के सफाये को लेकर अपनी अहम भूमिका  के कारण  सुर्खियों में आ गए थे.  विजय कुमार  मूल रूप से जालौन की कोंच तहसील के ग्राम सतोह के रहने वाले  हैं . उनके के पिता राम प्रसाद भी यूपी  पुलिस में इंस्पेक्टर रहे हैं.  बाद में उनका परिवार झांसी में बस गया.

विजय कुमार सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद  पुलिस सेवा में आए.  1988 में  आईपीएस बनने के बाद विजय कुमार की पहली पोस्टिंग सन 1989 में बतौर शाहजहांपुर में बतौर पुलिस अधीक्षक हुई . वे  गोरखपुर, नैनीताल और बरेली में इसी पोस्ट पर तैनात रहे. उस समय तक उत्तराखंड का वर्तमान प्रांत भी उत्तर प्रदेश का हिस्सा था . विजय कुमार  इसके बाद पीलीभीत, बांदा, महाराजगंज, मुजफ्फरनगर, गोरखपुर ,लखनऊ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तैनात रहे.

विजय कुमार  इलाहाबाद ,मेरठ ,आजमगढ़, गोरखपुर रेंज के डीआईजी रहे . इसके बाद वे  आगरा ,कानपुर, गोरखपुर जोन के महानिरीक्षक ( आईजी ) भी तैनात रहे. वह सिक्योरिटी, ट्रैफिक और भर्ती बोर्ड के एडीजी भी रह चुके हैं .  विजय कुमार  ने होमगार्ड, सीबीसीआईडी और विजिलेंस के डीजी  के पद पर भी काम किया .

मुकुल गोयल को हटाने का कारण मुद्दा बना :
डीएस चौहान को 12 मई 2022 को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया  था. बीते  अक्तूबर  में जबकि  उनका कार्यकाल मात्र छह महीने  का बचा था उस वक्त तब यूपी शासन  ने उनको नियमित डीजीपी बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था. बताया जाता है कि  केंद्र सरकार ने शासन से यह पूछ लिया कि मुकुल गोयल को क्यों हटाया गया ? उसके बाद से यह गतिरोध जारी है और प्रदेश में पूर्णकालिक पुलिस महानिदेशक की तैनाती नहीं हो सकी है .