मुंबई के घाटकोपर की शेख सलमा तबस्सुम के लिए रेलवे सुरक्षा बल (रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स- RPF) की महिला सिपाही नीलम गुप्ता और सुरेखा कदम ने जो कुछ किया वो सलमा को पूरी ज़िन्दगी याद रहेगा. खासतौर से हर बार तब तो उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आएगी ही, जब जब भी वो ट्रेन में सफ़र करेंगी या किसी महिला सिपाही को वर्दी में देखेंगी. भविष्य की मुस्कुराहट वाली इस कल्पना का ताल्लुक 30 वर्षीय सलमा तबस्सुम के जुड़वा बच्चों की कल हुई पैदाइश से है. 15 जुलाई 2018 यानि रविवार को इन दो बच्चों में से एक तो चलती ट्रेन में और दूसरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पैदा हुआ.
असल में हुआ ये कि घाटकोपर के नारायण नगर की शेख सलमा तबस्सुम कल अपने मायके यानी हैदराबाद जाने के लिए लोकमान्य तिलक टर्मिनस से विशाखापटनम एक्सप्रेस में सवार हुयी थी. वह गर्भवती थीं और डाक्टरों ने बताया था कि बच्चा अगस्त माह के आखिरी दिनों में पैदा होगा. सलमा के साथ उसके शौहर असलम शेख भी थे जो मुंबई में एक प्राइवेट कंपनी में सिक्यूरिटी गार्ड के तौर पर काम करते हैं. ट्रेन ने अभी मायानगरी पार भी न की थी कि सलमा तबस्सुम को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. सुबह सात बजे के आसपास का वक्त रहा होगा. तब ट्रेन ठाणे और कल्याण स्टेशन के बीच में थी. इससे पहले कि वो कल्याण स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 4 पर जाकर रुकती, तब तक तो तबस्सुम बेटी को जन्म दे चुकी थी.

ट्रेन में बच्ची पैदा होने की प्रक्रिया में साथ में यात्रा कर रहे लोगों ने भरपूर मदद की थी. डाक्टर और मेडिकल मदद की उपलब्धता न होने के कारण, इसके बाद भी, संकट बरकरार था क्यूंकि पीड़ा जारी थी. दूसरा बच्चा गर्भ में ही था.
ट्रेन में ऐसे हालात की खबर मिलते ही कल्याण स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल के सब इंस्पेक्टर नितिन गौड़ दो महिला सिपाहियों नीलम गुप्ता और सुरेखा कदम के साथ पहुंचे. तबस्सुम और नवजात को ट्रेन से उतरा गया. फिर प्लेटफार्म पर ही तबस्सुम ने बेटे को भी जन्म दिया. इसमें दोनों महिला सिपाहियों ने मदद की.
एसआई नितिन बताते हैं, “काल सुनकर हम तो प्लेटफार्म पर आ गये थे लेकिन ट्रेन के यहाँ पहुंचने से पहले ही पटरी पुल के पास महिला बच्ची को जन्म दे चुकी थी.” कल्याण पहुँचने पर तबस्सुम को मेडिकल मदद भी मिल गई. माँ बच्चों को तुरंत प्राथमिक सहायता के बाद रुकमामणि बाई अस्पताल भिजवा दिया गया जहां तीनों का स्वास्थ्य सही बताया जाता है. दोनों बच्चों का वज़न 2-2 किलो है. अस्पताल के डाक्टरों के मुताबिक़ उन्हें दो दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.
