पंजाब पुलिस के एएसआई ने जसबीर सिंह यूं दबोचा सुखबीर बादल का हमलावर

13
सुखबीर बादल के हमलावर नारायण सिंह चौड़ा से छीनी पिस्तौल के साथ पंजाब पुलिस के एएसआई जसबीर सिंह
पंजाब पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक ( assistant sub inspector )  जसबीर सिंह की सूझबूझ और फुर्ती से की गई  कार्रवाई ने अकाली दल के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमले को टाल दिया. इस कार्य के लिए जसबीर सिंह की काफी तारीफ हो रही है.
 खालिस्तान समर्थक एक शख्स नारायण  सिंह चौड़ा (narain singh chaura)  ने सुखबीर पर पर तब गोली चलाई थी जब सुखबीर सिंह अमृतसर स्थित स्वर्ण  मंदिर  में ,  धार्मिक तौर पर सुनाई गई  सज़ा के तहत,  सेवा करने गए थे . नारायण सिंह चौड़ा आराम से चलते हुए सुखबीर सिंह बादल के करीब पहुंचा था जो व्जैहील चेयर पर बैठे थे .  उसने अपने कपड़ों में पहले से छिपाई हुई पिस्तौल निकाल कर सुखबीर की तरफ तान  दी . जैसे ही वह पिस्टल का ट्रिगर दबाने लगा तब ही   एएसआई जसबीर सिंह और दो अन्य पुलिसकर्मियों रशपाल सिंह और परमिंदर सिंह ने उसे काबू कर लिया. एएसआई जसबीर ने उसे पकड़ लिया और गोली निशाने से चूक गई.
पंजाब पुलिस के  एएसआई जसबीर सिंह (asi jasbir singh) ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें पहले ही किसी भी संभावित अनहोनी के बारे में जानकारी दे दी थी.  उन्होंने कहा, “अलर्ट के अनुसार, मुझे तुरंत ही परेशानी का आभास हो गया, क्योंकि संदिग्ध ने अपने कपड़ों से पिस्तौल निकाली.  इससे पहले कि वह ट्रिगर दबा पाता, मैंने उसका हाथ पकड़ लिया. “
जसबीर सिंह का कहना था कि पुलिस  स्वर्ण मंदिर में किसी की तलाशी नहीं ले सकती और  न ही हम किसी को रोक सकते हैं.  इसलिए, जब वह (नारायण सिंह ) वहां आया, तो मैं सतर्क खड़ा था.  उसे देखते ही सब कुछ स्पष्ट हो गया और मैंने उसे काबू करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.”
एएसआई जसबीर सिंह  के प्रति आभार प्रकट करते हुए अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पंजाब पुलिस को ‘पुलिस की मुस्तैदी’ का श्रेय लेने से बचना चाहिए.  उन्होंने कहा, ”एएसआई जसबीर 2002 से बादल परिवार की सुरक्षा में है. वह प्रकाश सिंह बादल की सुरक्षा में  भी था . वह परिवार के सदस्य की तरह हैं और सुखबीर की सुरक्षा में ड्यूटी पर थे. ”
सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित करते हुए धार्मिक सज़ा सुनाई गईं थी जिसने तहत उनको गुरु घर में सेवा करनी है . वैसे पुलिस का कहना है कि तीन स्तरीय सुरक्षा बंदोबस्त के तहत 175 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी. इनमें बहुत सारे सादा वर्दी में थे . वरिष्ठ पुलिस अधिकारी यहां के सुरक्षा बंदोबस्त की देखरेख कर रहे थे .