‘विवाह हेतु कन्या दर्शनार्थ अवकाश’ सिपाही का लिखा पत्र काफी कुछ कहता है

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अवकाश के लिए सिपाही का लिखा पत्र
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में  पुलिस के एक सिपाही का छुट्टी लेने के वरिष्ठ अधिकारी को भेजा गया प्रार्थना पत्र इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिस सरल तरीके से और सही सही कारण बताते हुए अवकाश लेने की ज़रूरत इस सिपाही ने बयान की है वो कइयों के लिए  से लिखा  हंसी मज़ाक का मसाला  भी बन रहा है . दो चार  दिन की छुट्टी लेने के लिए सिपाही को जितना ब्यौरा देना पड़ा वह काफी कुछ उन हालात और दबाव को स्पष्ट करता है जिसके तहत शासन के इस सबसे अहम  विभाग को काम करना पड़  रहा है .
अवकाश के लिए लिखे गए इस  प्रार्थना पत्र ( application for leave ) का विषय पढ़ कर  अलग – अलग तरह की प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है . विषय है : शादी करने के लिए कन्या दर्शनार्थ अवकाश.
अगर यह पुलिसकर्मी चाहता तो साधारण सा वाक्य लिख सकता था कि ज़रूरी किसी पारिवारिक काम के लिए आकस्मिक अवकाश चाहिए. आमतौर पर ऐसा ही होता है. परंतु सिपाही ने  अपने अवकाश के लिए निजी कारणों का खुलासा करने के साथ साथ उसने कुछ मजबूरियाँ बताई है और  विभिन्न तर्क भी दिए हैं जो हैं :  शादी योग्य उम्र हो चुकी है और अभी जल्द न हुई तो उम्र निकल जाएगी. पुलिसकर्मियों के लिए अच्छे रिश्ते नहीं मिलते है . मुश्किल से अच्छा रिश्ता मिला है.
तीन साल पहले यह नौजवान यूपी पुलिस ( up police )  में भर्ती हुआ था . हालांकि पत्र में एक कोने पर किसी अधिकारी ने अंकित किया हुआ है कि सिपाही के खाते में न तो अर्जित अवकाश है और न ही मेडिकल अवकाश बचा है . उसके पास 9 कैजुअल लीव (casual leave ) हैं . हो सकता है सिपाही को लगा हो कि उसके खाते में छुट्टियां कम होने के कारण साधारण सी लिखी प्रार्थना को अधिकारी कहीं छुट्टी लेने का बहाना न समझे. ऐसे में प्रार्थना पत्र रद्द होने या छुट्टियों की संख्या कम कर देने की आशंका भी बनी रहती है .
  लेकिन इस प्रार्थना पत्र से एक बात यह भी स्पष्ट होती है कि पुलिस विभाग में कार्यरत लोगों के लिए छुट्टी पाना अब भी आसान नहीं है . ज्यादा काम का दबाव और संख्या बल में कमी इसकी बड़ी वजह हैं. पुलिस के यह हालात  सिर्फ यूपी में ही नहीं तकरीबन सभी राज्यों में लम्बे अरसे  हैं. बहुत सारे पद खाली हैं या लम्बे समय तक खाली रहते हैं . हाल ही में हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बने शत्रुजीत कपूर ने तो बीते सप्ताह रोहतक में यह तक बोला कि वह ऐसी व्यवस्था लागू करेंगे कि सभी  पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक अवकाश तो मिले ही .इससे यह भी स्पष्ट होता है कि कुछ राज्यों में तो  पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश ( weekly off for police )  भी नहीं मिलता जोकि उनका हक़ है .
पुलिसकर्मियों के लिए सुयोग्य विवाह  प्रस्ताव  न आने का ज़िक्र भी इस सिपाही ने प्रार्थना पत्र में किया है. यह सिर्फ एक धारणा है  या इसके पीछे आधार है , यह निश्चित ही चिंता का विषय है. इसके क्या क्या कारण हो सकते हैं और उसको दुरुस्त करने में विभाग की भूमिका  पर विचार होना ज़रूरी है .  मसलन यह कारण पुलिस विभाग की छवि है , पुलिसकर्मियों का व्यवहार है या उनको  परिवार भरण पोषण  के लिए मिलने वाली ज़रूरी सुविधाओं का अभाव या फिर उनका परिवार के प्रति ज़िम्मेदारी ठीक से पूरी न कर पाना आदि.
वायरल हुआ सिपाही का यह प्रार्थना पत्र क्षेत्राधिकारी को लिखा गया है जिसपर अधिकारी ने 5 दिन की छुट्टी की मंज़ूरी भी दी है.