इससे पहले दिन में, पंजाब सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी परमवीर सिंह को घटना की जांच के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया था. इस बीच, पूर्व सैनिकों ने इस मामले में न्याय न मिलने पर 22 मार्च को पटियाला में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
पटियाला जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. नानक सिंह ( patiala ssp dr nanak singh ) ने पुलिस बल की तरफ से इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए माफी मांगी थी और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया था. उन्होंने घटना में शामिल पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश देने के साथ मामले की विभागीय जांच की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि जांच 45 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी, लेकिन सैन्य अधिकारी का परिवार मामले में अब तक की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है.
पीड़ित कर्नल के परिवार ने पुलिस नेतृत्व पर कई सवाल उठाए हैं, जिसने इस मामले में नरम रुख अपनाने की कोशिश की. यह स्पष्ट है कि कर्नल के परिवार को इस मामले में राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है.
कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ भारतीय सेना ( indian army) के अधिकारी हैं और दिल्ली में सेना मुख्यालय में तैनात हैं. यह घटना 13 मार्च को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल ( rajindra hospital) के पास सड़क किनारे एक ढाबे पर हुई थी. सीसीटीवी में कैद घटना का वीडियो जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसने लोगों में पंजाब पुलिस ( punjab police) के प्रति गुस्सा पैदा किया . मामला सेना में उच्च स्तर पर देख गया जिसका असर पड़ना स्वाभाविक है .
कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ की पत्नी जसविंदर कौर , उनके बेटे और कुछ रिश्तेदारों ने बृहस्पतिवार को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की और सीबीआई जांच का आदेश देने की मांग की. श्रीमती कौर ने एफआईआर में आरोपी पुलिस अधिकारियों के नाम गायब होने का मुद्दा उठाया. उन्होंने राज्यपाल को यह भी बताया कि पुलिस ने उन्हें निलंबित करने के बावजूद अभी तक उनके नाम उजागर नहीं किए हैं.
राज्य सरकार ने 13 और 14 मार्च की रात को हुई घटना की जांच के लिए पटियाला नगर निगम के आयुक्त आईएएस अधिकारी परमवीर सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया.
13 मार्च को क्या हुआ था:
कथित तौर पर यह विवाद तब शुरू हुआ जब सादा वर्दी पहने पुलिसकर्मियों ने कर्नल बाठ से ढाबे के बाहर पार्किंग में खड़ी आपनी कार हटाने को कहा. पुलिस वाले वहां अपना वाहन खड़ा करना चाहते थे. इसके कारण उनके बीच तीखी नोकझोंक हुई और स्थिति खराब हो गई. पुलिसकर्मियों ने कर्नल बाठ पर लात-घूंसे बरसाना शुरू कर दिया. उन्होंने उन्हें और उनके बेटे को बेसबॉल – डंडे से भी पीटा.
इतने सारे पुलिसकर्मी वहां क्यों थे:
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामले में शामिल पुलिसकर्मी अपहरण के उस केस में किए गए ऑपरेशन के बाद लौट रहे थे जिसमें 7 वर्षीय एक बच्चे को बचाया गया और एक आरोपी को गोली मार दी गई थी . पुलिसकर्मी इस मुठभेड़ के बाद अस्पताल जा रहे थे.
बाठ परिवार का क्या कहना है:
कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ की पत्नी जसविंदर कौर बाठ ने पटियाला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी घटना का ब्यौरा दिया . उन्होंने कहा कि जब परिवार कार के बाहर खड़ा होकर खाना खा रहा था, तो पुलिस ने उनके पति से अपनी कार हटाने को कहा ताकि उनके वाहनों के लिए जगह बन जाए. श्रीमती बाठ ने आरोप लगाया कि जब उनके पति ने पुलिसकर्मियों की भाषा पर आपत्ति जताई, तो पुलिसकर्मियों में से एक ने उन्हें मुक्का मारा. जसविंदर ने कहा, “बाद में, सभी पुलिसकर्मियों ने मेरे पति और मेरे बेटे की पिटाई की, जिससे वे घायल हो गए.”
पुलिस की प्रतिक्रिया और कार्रवाई :