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कोरोना योद्धा के तौर पर भारत में पुलिस का चेहरा बनकर सामने आये पंजाब पुलिस के सब इंस्पेक्टर हरजीत सिंह की हालत में लगातार सुधार हो रहा है. हरजीत सिंह अब एक तरह से सम्पूर्ण खाकी समुदाय में स्नेह और सम्मान से लिया जाने वाला नाम बन चुका है. हमले में, अपना हाथ शरीर से कटकर गिर जाने के बावजूद अपने हौसले और संयम को बनाये रखने के लिए लोकप्रिय हुए हरजीत सिंह की बिहार पुलिस के महानिदेशक गुप्तेश्वर पाण्डेय ने जमकर तारीफ़ की और वादा किया कि पंजाब आने पर पहले हरजीत सिंह से ज़रूर मिलेंगे.
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के बिहार कैडर के 1987 बैच के अधिकारी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने सब इंस्पेक्टर हरजीत सिंह का हालचाल जानने और उनकी हौसला आफज़ाई करनेे के लिए फोन कॉल की थी. गुप्तेश्वर पाण्डेय ने हरजीत सिंह से कहा ,”आप सिर्फ पंजाब पुलिस की नहीं, पूरे हिन्दुस्तान के शान हो ……पंजाब पुलिस हो, हरियाणा पुलिस हो, बिहार पुलिस हो या तमिलनाडु पुलिस हो या सभी अर्ध सैन्य बल हों, हम सब भाई हैं “. तकरीबन 6 मिनट की इस बातचीत में गुप्तेश्वर पाण्डेय ने हरजीत सिंह से उनकी सेहत, उपचार और परिवार के बारे में बातचीत की. उन्होंने एक लाख कार्मिकों की नफरी वाली बिहार पुलिस के जवान से लेकर अधिकारियों की तरफ से हरजीत सिंह को उनके 12 अप्रैल के कारनामे के लिए सलाम किया.
हरजीत सिंह को डॉक्टरों ने बताया कि एक दो हफ्ते के भीतर, जुड़े हुए उनके हाथ की फिज़ियोथिरेपी शुरू हो जायेगी. पीजीआई चंडीगढ़ में, उनका कटा हाथ फिर से लगाने की सर्जरी करने वाले डॉक्टरों ने उन्हें उनकी फिर से जाँच और पट्टी की है. सब इंस्पेक्टर हरजीत सिंह ने बताया कि अब उनके उस हाथ की अंगुलियों ने हरकत करनी शुरू कर दी है और वे पहले से बेहतर हैं. हरजीत सिंह ने इसके लिए सरकार और खासतौर से तमाम तरह की मदद के लिए पंजाब के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता का आभार भी प्रकट किया. बीसीए की पढ़ाई कर चुके उनके पुत्र को भी पंजाब पुलिस ने नौकरी दी है.
उल्लेखनीय है कि पटियाला में 12 अप्रैल को सब्ज़ीमंडी में लॉक डाउन, कर्फ्यू और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराने की ड्यूटी पर तैनात पुलिस टीम पर कार सवार निहंग ने तलवार से हमला किया था. हरजीत सिंह ने उसे रोकने की कोशिश की थी लेकिन इस हमले में उनका हाथ कलाई से कट कर गिर गया था. राजधानी चंडीगढ़ स्थित पीजीआई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने उसी दिन ऑपरेशन करके उनके कटे हुए हाथ को फिर से लगा दिया था. हरजीत सिंह तब सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) थे लेकिन इस घटना के फ़ौरन बाद उन्हें बारी से पहले तरक्की देकर सब इंस्पेक्टर (एसआई) बना दिया गया था.