भोपाल रेलवे स्टेशन पर उस रात प्लेटफार्म नम्बर 1 पर एक हाथ में अपनी रायफल सम्भाले और दूसरे हाथ में दूध की थैली थामे बेतहाशा भागते हुए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) जवान इंद्र सिंह यादव पर उस वक्त शायद किसी ने ध्यान भी नहीं दिया होगा. लेकिन तीन महीने की भूख से बिलखती किसी और की बच्ची लिए अपनी पूरी ताकत लगा देने वाले इंद्र यादव के जज़्बे को अब अफसर से लेकर देश के रेल मंत्री तक सलाम कर रहे हैं.
भारतीय रेलवे और उसकी सम्पति की रक्षा का ज़िम्मा सम्भाल रही आरपीएफ के इस जवान इंद्र की इस दौड़ की कहानी का ताल्लुक कर्नाटक से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार साफिया हाशमी की तीन महीने की बच्ची से है. साफिया ने बताया कि कर्नाटक में बेलगाम से ट्रेन चलने के बाद जब बीच में बच्ची को भूख लगी तो दूध का इंतज़ाम नहीं था. रास्ते में जहां स्टेशन पर ट्रेन रुकी वहां भी उसे दूध न मिल पाया. भोपाल में जब रात 8.30 बजे के आसपास ट्रेन रुकी तो प्लेटफार्म पर वहां मौजूद आरपीएफ के जवान इंद्र यादव से साफिया ने मदद मांगी. बिना कुछ और सोचे इंद्र यादव स्टेशन से दूध खरीदकर लाने निकल गया लेकिन जब तक लौटा तो ट्रेन न सिर्फ चल पड़ी बल्कि रफ्तार भी पकड़ चुकी थी. बच्ची के भूख से बिलखने का अंदाजा शायद 33 बरस के इंद्र यादव को अच्छे से था. इंद्र ने तब ट्रेन के पीछे दौड़ने में अपनी ताकत ऐसे लगा दी जैसे जीवन मृत्यु का सवाल हो. आखिर भूखी बच्ची तक दूध उन्होंने पहुंचा ही दिया.
महानायक से कम नहीं :
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जंग के दौर में मानवीय संवेदनाओं को उभारती खूबसूरत कुछ कहानियों में इंद्र सिंह यादव की दौड़ का ये किस्सा भी शुमार हो गया है जो प्रेरणा के साथ साथ ये भी संदेश देता है कि समाज के लिए अच्छा करने के अवसर बहुत होते हैं और कभी कभी आम आदमी के छोटे से दिखने वाले प्रयास भी महानायकों के बड़े काम से भी ज़्यादा अपनी छाप लोगों के ज़हन में छोड़ जाते हैं. साफिया और उसका पूरा परिवार इंद्र यादव का आभार मानकर उनको भरपूर दुआएं दे रहा है.
मंत्री ने शेयर किया :
बाद में इस घटना का ब्यौरा बच्ची की माँ साफिया के इंटरव्यू के साथ सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर दिखाई देने से वायरल हो गया. भारत के रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी इसे साझा किया.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले इंद्र सिंह यादव आरपीएफ में 2009 में भर्ती हए. भोपाल से पहले वो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के स्टेशन पर तैनात थे.
वायरल वीडियो :
प्लेटफ़ॉर्म पर सर्विस रायफल और दूध का पैकेट लेकर मास्क लगाये दौड़ते इंद्र यादव का वीडियो रेलवे के सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया था जो अब यू ट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. एक दूसरे की मदद और खासतौर से बच्चों के प्रति सन्वेदनशीलता के लिए प्रेरणा बनी ये असली जीवन की कहानी के इस हीरो को अब रेलवे के स्तर पर सम्मान देने के चर्चे सुने भी जा रहे हैं.