महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से दो सप्ताह पहले चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला ( dgp rashmi shukla) के तबादले का आदेश दिया है. कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने आरोप लगाया था कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के प्रति पक्षपाती हैं और उनके शीर्ष पद रहते पर हुए निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं .
उल्लेखनीय है कि पहले भी नेताओं के फोन टेपिंग केस में विवादों में रहीं महाराष्ट्र कैडर की आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला जून में सेवानिवृत्त हुई थीं लेकिन केंद्र सरकार ने उनको सेवा विस्तार दे दिया था .
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक से कहा है कि वह तत्काल प्रभाव से सुश्री शुक्ला का प्रभार अगले वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी को सौंप दें और राज्य के अगले पुलिस प्रमुख के चयन के लिए कल दोपहर ( 5 नवंबर ) तक तीन नामों का पैनल भेजें.
समीक्षा बैठकों और विधानसभा चुनावों की घोषणा के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अधिकारियों को निष्पक्ष रहने तथा यह सुनिश्चित करने की चेतावनी दी थी कि वे अपने कर्तव्यों का पालन करते समय पक्षपाती न दिखें.
कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) समेत विपक्षी दलों ने रश्मि शुक्ला पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था. राज्यसभा सदस्य और शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मीडिया से कहा, “राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला पर बहुत गंभीर आरोप है. 2019 में जब हमारी सरकार बन रही थी, तब यह पुलिस महानिदेशक, जो सीधे भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रही थी, हमारे सभी फोन टैप कर रही थी और देवेंद्र फडणवीस को पूरी जानकारी दे रही थी कि हम क्या करने जा रहे हैं.”
उन्होंने कहा “क्या हम उनसे निष्पक्ष चुनाव कराने की उम्मीद कर सकते हैं? हमने कहा है कि चुनाव की बागडोर उन्हें नहीं दी जानी चाहिए, और फिर चुनाव आयोग ने कहा कि उनके पास (स्थानांतरण का) अधिकार नहीं है. ऐसा कैसे हो सकता है? उसी समय, झारखंड के डीजीपी को बदल दिया गया. महाराष्ट्र का चुनाव पुलिस के दबाव के आधार पर कराया जा रहा है,”
राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर रश्मि शुक्ला को राज्य पुलिस प्रमुख के पद से हटाने का अनुरोध किया था. श्री पटोले ने वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी पर विपक्षी दलों के खिलाफ “स्पष्ट पूर्वाग्रह” प्रदर्शित करने का आरोप लगाया था. उनके पत्र में कहा गया है, “पिछले 20 दिनों में विपक्षी दलों के खिलाफ राजनीतिक हिंसा में काफी वृद्धि हुई है, साथ ही कानून और व्यवस्था की स्थिति में उल्लेखनीय गिरावट आई है. उन्होंने कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के खिलाफ स्पष्ट पूर्वाग्रह दिखाया है, जैसा कि पुणे के पुलिस आयुक्त और राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) के आयुक्त के रूप में कार्य करते हुए विपक्षी नेताओं के अवैध फोन टैपिंग के उनके पिछले रिकॉर्ड से स्पष्ट है.”
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने शीर्ष पुलिस अधिकारी के तबादले का स्वागत किया है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आज यह स्पष्ट हो गया कि गठबंधन सरकार बेईमानी कर रही थी. गंभीर आरोपों का सामना कर रही पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला का कार्यकाल बढ़ाने के लिए गठबंधन सरकार की क्या मजबूरी थी? उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए सेवा विस्तार दिया गया था कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव पारदर्शी तरीके से न हों.”
1988 बैच की आईपीएस अधिकारी, रश्मि शुक्ला महाराष्ट्र की पुलिस प्रमुख बनने वाली पहली महिला हैं. इससे पहले, उन्होंने सशस्त्र सीमा बल ( sashastra seema bal) के महानिदेशक के रूप में कार्य किया.