पंजाब पुलिस की कमांडो यूनिट में तैनात एक सिपाही ने अपनी साथी सिपाही की गोलियाँ बरसाकर हत्या कर डाली और फिर अपनी भी जान दे दी. 32 वर्षीय इस कमांडो सिपाही का नाम गुरसेवक सिंह और महिला सिपाही का नाम अमन प्रीत कौर है. पंजाब पुलिस और पुलिस परिवारों को सकते में डाल देने वाली ये तकलीफदेह घटना सीमावर्ती फिरोजपुर ज़िले में शनिवार की है.
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि कॉन्स्टेबल गुरसेवक सिंह कमांडो इकाई ‘स्वैट’ (swat) टीम में तैनात था जबकि अमनप्रीत फिरोजपुर छावनी थाने कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर तैनात थी. शनिवार की रात वो ड्यूटी खत्म करके स्कूटी पर लौट रही थी. रास्ते में जब वो बाबा शेर शाह वाली पीर के पास पहुंची तभी गुरसेवक वहां अपनी कार पर आया. पहले गुरसेवक ने अमन की स्कूटी को कार से टक्कर मारी. अमन गिर गई. इसके बाद गुरसेवक ने उस पर अपनी बंदूक से एक के बाद एक चार-पांच गोलियां दागीं और कार में ही फरार ही गया. इसके बाद वो तलवंडी चौक के समीपवर्ती डागरू गांव के निकट पहुंचा. यहां उसने रायफल से खुद को भी गोली मार ली. उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई.
पुलिस के मुताबिक़ अमन कौर को चार गोलियां लगीं. उसे सिविल अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने अमन को मृत घोषित कर दिया गया. इस पूरी घटना के पीछे वजह तो कोई निजी तक रही है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. तफ्तीश ठीक से होने के बाद ही सही सही बात पता चलेगी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुरसेवक सिंह नौरंग के सियाल गांव का रहने वाला था जबकि 26 वर्षीय महिला कॉन्स्टेबल अमनप्रीत कौर जीरा के चुचक गांव की निवासी थी. दोनों पुलिस लाइन के क्वार्टर में रहते थे.