आईपीएस प्रशांत कुमार (ips prashant kumar ) बिहार के सीवान ज़िले के रहने वाले हैं और उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी है. 13 अधिकारियों को नज़रन्दाज़ करके यूपी पुलिस के कार्यकारी प्रमुख नियुक्त किये गए प्रशांत कुमार को वीरता पदक समेत कई पुलिस सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं . विज्ञान में स्नातकोत्तर प्रशांत कुमार ने आपदा प्रबन्धन में एमबीए भी किया है और रक्षा व सामरिक अध्ययन में एम फिल भी किया है. 58 वर्षीय प्रशांत कुमार का कार्यकाल मई 2025 तक है. जब तक कोई स्थाई महानिदेशक के तैनाती नहीं होती अथवा कोई अन्य आदेश आने तक आईपीएस प्रशांत कुमार ही यूपी पुलिस के प्रमुख का ओहदा संभालेंगे.
राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख गृह सचिव संजय प्रसाद की तरफ हस्ताक्षरित आदेश में उल्लेख किया गया था कि डीजीपी के प्रतिष्ठित पद पर स्थायी नियुक्ति होने तक प्रशांत कुमार कार्यवाहक डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे.
मई 2022 में, भारतीय जनता पार्टी की योगी आदित्यनाथ ( yogi adityanath ) की सरकार ने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन डीजीपी मुकुल गोयल ( dgp mukul goel ) को “सरकारी कर्तव्य की अवहेलना”, “विभागीय कार्यों में रुचि की कमी” और “आलस्य” के आधार पर हटा दिया था. इसके बाद डी.एस. चौहान, आर.के.विश्वकर्मा, विजय कुमार और, अब, प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है.
आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार ने अपनी नवीनतम तैनाती में पदानुक्रम में अपने से वरिष्ठ जिन 13 अधिकारियों को पीछे छोड़ा है ,यूपी आईपीएस ग्रेडेशन सूची के अनुसार , वह हैं मुकुल गोयल, आनंद कुमार, सफी अहसान रिज़वी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा, पी.वी. रामा शास्त्री, संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्रा, बी.के. मौर्य, एस.एन. साबत, अविनाश चंद्र, एस.एम. तारा डे, मनमोहन बशाल, तनुजा श्रीवास्तव और सुभाष चंद्रा.
आखिरी बार ऐसा तब हुआ था जब यूपी में समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव की सरकार थी. 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ( cm akhilesh yadav ) ने जावीद अहमद को यूपी का डीजीपी ( dgp of up ) नियुक्त किया था. आईपीएस जावीद अहमद ने उस समय समान रैंक के कम से कम 15 आईपीएस अधिकारियों को पीछे छोड़ दिया था .