दिल्ली की न्यू पुलिस लाइंस में निर्माण और मरम्मत आदि से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के लिए काम करने वाले मजदूरों व अन्य कामगारों और उनके परिवारों के खाने पीने के बन्दोबस्त की ज़िम्मेदारी दिल्ली पुलिस उठा रही है. असल में ये वो तकरीबन 150 मजदूर और उनके परिवार हैं जिन्हें लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों ने काम करने के लिए बुलाया था और जो कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के नज़रिए से लागू किये गये, लॉक डाउन की वजह से राजधाने दिल्ली में ही फंस गये हैं.
ये ज़्यादातर अन्य राज्यों से आये प्रवासी मज़दूर हैं जिनके सामने काम बंद होने के कारण न सिर्फ बेरोजगारी का संकट पैदा हुआ बल्कि अपना और परिवार का पेट पालने का ज़रिया भी नहीं होने से मुश्किलें बढ़ गईं. इन हालात में दिल्ली पुलिस ने ही इनके लिए मदद का हाथ बढ़ाया. ये मज़दूर यहाँ पुलिस की बैरक और रिहायशी कालोनी में निर्माण कार्य कर रहे थे.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर रॉबिन हिबू ने बताया कि पुलिस की प्रथम बटालियन ने इनके खाने पीने का बंदोबस्त किया है. इस बटालियन के जवान सभी मजदूर परिवारों के लिए खाना पकाते है और सुबह व शाम इसका वितरण करते हैं. खाना बांटने के लिए सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया जाता है. इसके साथ साथ उन्हें संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, सेनेटाइज़र, साबुन आदि भी पुलिस कर्मी मुहैया करवा रहे हैं. जिस जगह पर ये मजदूर परिवार रहते हैं वहां भी सफाई का ध्यान रखा जा रहा है और कीटाणु नाशक स्प्रे का छिडकाव कराया जा रहा है.
श्री हिबू के मुताबिक़ सभी मजदूर परिवारों को कोविड19 बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करने के लिए उन्हें समझाया गया है. इसके अलावा इन मजदूरों को खाने पीने के सामान के अलावा बाकी जरूरतों को पूरा के लिए आर्थिक मदद की भी पहल की गई है. इसके लिए लोक निर्माण विभाग से सम्पर्क किया गया और ठेकेदार प्रत्येक मजदूर को एक हजार रुपया प्रति हफ्ता दे रहा है.