पुणे. कोरेगांव-भीमा हिंसा में नक्सलियों के जुड़े होने की जांच कर रही पुलिस को ऐसे पत्र मिले हैं जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की हत्या की साजिश रचे जाने के संकेत हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने एक जनवरी को कोरेगांव-भीमा में हुई हिंसा में कथित रूप से शामिल चार और लोगों की तस्वीरें जारी करते हुए लोगों सेे अपील की है कि अगर इन लोगों के बारे में किसी के पास कोई सूचना है तो वह उसे पुलिस को दे.
जांचकर्ताओं का कहना है कि दंगो की साजिश रचने और ‘शहरी नक्सल समर्थकों’ की जांच के दौरान बुधवार को देश में विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार हुए पांच कार्यकर्ताओं में से एक दिल्ली निवासी रोना विल्सन के घर से बरामद एक पत्र में इस तरह का संकेत मिला है. पत्र में चार लाख कारतूसों और एम-4 रायफलों के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत का उल्लेख हुआ है तथा इसमें ‘राजीव गांधी सरीखी एक और घटना’ का जिक्र किया गया है.
गौरतलब है कि मई 1991 में लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए तमिलनाडु के श्रीपेरुम्बुदूर में जनसभा को संबोधित करने के दौरान लिट्टे के आत्मघाती हमलावर ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी.
जांचकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि गिरफ्तार व्यक्तियों में से एक व्यक्ति से बरामद लैपटॉप से मिली जानकारी के अनुसार, ‘मोदी ने सफलतापूर्वक 15 से ज्यादा राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार स्थापित कर दी है..अगर उनकी लहर जारी रही तो माओवादी पार्टियों को सभी मोर्चों पर जबरदस्त परेशानी का सामना करना होगा.’
जांचकर्ताओं के मुताबिक, वे ‘मोदी के रोड शो को निशाना बनाकर राजीव गांधी जैसी एक और घटना’ को अंजाम देना चाहते थे. उन्हें लगता था कि ‘यह एक कारगर रणनीति होगी.’ एक पत्र के अनुसार, “यह आत्मघाती हो सकता है और हम असफल हो सकते हैं लेकिन पार्टी को हमारे प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए.”
मामले में यह खुलासे ‘रिलीज ऑफ पोलिटिकल प्रिजनर्स’ के सचिव विल्सन, ‘इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीपुल्स लॉयर्स’ के महासचिव वकील सुरेंद्र गाडलिंग व नागपुर विश्वविद्यालय में अंग्रेजी की विभागाध्यक्ष शोमा सेन (दोनों नागपुर से), मुंबई निवासी पत्रकार व ‘विद्रोही’ के संपादक सुधीर धावले और गढचिरौली में ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास कार्यक्रम’ के पूर्व सदस्य और ‘भारत जन आंदोलन’ के कार्यकर्ता महेश राउत की गिरफ्तारी के बाद हुए हैं. इन पर ‘गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम’ की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और इन्हें पुणे अदालत में पेश किया गया तथा 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
‘कबीर कला मंच’ द्वारा 31 दिसंबर को ‘एलगार परिषद’ आयोजित करने और एक जनवरी को भीमा-कोरेगांव दंगों के बाद पुलिस ने आठ जनवरी को पुणे में एक मामला दर्ज किया था. इसी मामले के आधार पर बुधवार को ये गिरफ्तारियां हुईं हैं. पुणे के संयुक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र कदम ने गुरुवार को कहा कि पुलिस के पास नक्सलवादियों के इसमें शामिल होने तथा एलगार परिषद के आयोजकों को इसके लिए प्रेरित करने के पर्याप्त सबूत हैं.
नक्सलवादियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश का खुलासा होने के बाद देशभर के विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
Pune Police intercepts internal communication of Maoists planning a 'Rajiv Gandhi type' assassination of Prime Minister Modi. pic.twitter.com/o2rt2al4aj
— ANI (@ANI) June 8, 2018
The Pune Police released the pictures of four suspects who were allegedly responsible for the killing of a youth, Rahul Phatangade in Bhima-Koregaon in January this year
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— ANI Digital (@ani_digital) June 8, 2018