अमित शाह ने किये उद्घाटन :
पुलिस अधिकारियों का यह तीन दिवसीय सम्मेलन ( 5 से 7 जनवरी ) राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित इंटरनेशनल सेंटर में शुक्रवार को शुरू हुआ था. इसका उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया. श्री शाह ने पुलिस महानिदेशकों (dgp)/पुलिस महानिरीक्षकों (igp) के 58वें सम्मेलन के शुरूआती सत्र में केंद्र सरकार के दो महत्वपूर्ण निर्णयों, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और औपनिवेशिक कानूनों को बदले जाने की तारीफ़ की. तीन नए आपराधिक कानूनों पर उन्होंने कहा कि नए कानून सजा के बजाय न्याय देने पर केंद्रित हैं और इन कानूनों से आपराधिक न्याय प्रणाली आधुनिक तथा वैज्ञानिक हो जाएगी. उन्होंने 2014 के बाद से देश में सुरक्षा परिदृश्य में समग्र सुधार का दावा जैसा किया. साथ ही कहा कि जम्मू- कश्मीर, पूर्वोत्तर व वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा में कमी आई है.
मुख्यालय और थानों में आधुनिक तकनीक की ज़रूरत :
अमित शाह ने नए कानूनों के कामयाब तरीके से अमल के लिए स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ – sho ) या पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी से लेकर डीजीपी स्तर तक के पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण और थानों से लेकर पुलिस मुख्यालय तक को तकनीक से लैस करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया .शाह ने देश की सेवा में प्राण न्योछावर करने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने आईबी अफसरों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक ( police medal ) दिए और तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों के लिए ट्रॉफी प्रदान की. इनमें से एक जम्मू कश्मीर के शेरगढ़ी थाने को अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में वर्ष 2023 के लिएसम्मानित किया गया है.
इस सम्मेलन में जिन प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया उनमें हाल ही में लागू आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन, खालिस्तानी समर्थक समूहों की गतिविधियां , नक्सलवादी हिंसा और जम्मू-कश्मीर में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य शामिल हैं. कई अधिकारियों ने आतंकवाद विरोधी, ऑनलाइन धोखाधड़ी, जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद, खालिस्तानी समर्थक समूहों की गतिविधियों और वामपंथी उग्रवाद जैसे विशिष्ट विषयों पर प्रस्तुति पेश कीं.
क्या है डीजीपी /आईजी सम्मेलन :
भारत में हरेक साल होने वाला डीजीपी – आईजी सम्मेलन ( annual dgp/ig conference) चिन्हित विषयों पर विभिन्न स्तरों के पुलिस और खुफिया अधिकारियों के बीच व्यापक चर्चा के लिए एक मंच के तौर पर काम करता है. इसका मकसद पुलिस की तरफ से , विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में , अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने की सुविधा देना भी है .