इलज़ाम है कि बुधवार को पूछताछ के दौरान मलविंदर सिंह ने डीएसपी वरिंदर सिंह व विजिलेंस मुख्यालय में अन्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार , मारपीट और हमला किया व धमकी दी. साथ ही कुछ दस्तावेजों को नुक्सान पहुंचाने की कोशिश की .
दूसरी तरफ एआईजी मालविंदर सिंह का कहना है कि उनको एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. वह इसे पुलिस के काम काज से जुड़े विषय के अलावा पारिवारिक विवाद से संबंधित बता रहे हैं . अदालत में पेशी के समय मीडिया से बात करते हुए मालविंदर सिंह ने कहा कि एक समुदाय की आवाज़ उठाने और एक बेटी का पिता होने का खमियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है .
बुधवार को क्या हुआ :
पंजाब पुलिस के एआईजी मालविंदर सिंह मानवाधिकार अनुभाग में हैं. विजिलेंस ने उन पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने और आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति होने का केस दर्ज किया है. उनको इस सिलसिले में जांच के लिए पहले भी बुलाया गया लेकिन वह नहीं आए और टालमटोल करते रहे . बुधवार को जब पूछताछ के लिए मालविंदर सिंह सिद्धू विजिलेंस मुख्यालय पहुंचे तब उनके पास दो मोबाइल फोन थे जोकि वह अपने साथ रखना चाहते थे. विजिलेंस अधिकारियों ने कहा कि वह अपने पास सेलफोन नहीं रख सकते क्योंकि इससे जांच प्रभावित होगी जबकि मालविंदर सिंह फोन न छोड़ने की अपनी बात पर अड़े रहे . इसे लेकर बहस बाज़ी हुई. बात गाली गलौच तक पहुंच गई. उनसे दोनों फोन ले लिए गए. संदेह होने पर जब तलाशी ली गई तो पता चला कि एआईजी मालविंदर सिंह ने अपने कपड़ों में वायस रिकॉर्डर ( voice recorder ) छिपा रखा है. वह भी निकलवा लिया गया.
पुलिस का कहना है कि इस पूरे प्रकरण के दौरान मालविंदर सिंह ने डीएसपी वरिंदर सिंह से दुर्व्यवहार किया , हमला और धक्का मुक्की की. इस दौरान डीएसपी वरिंदर सिंह ( dsp varinder singh ) का पहना हुआ चश्मा भी टूट गया. मामला बढ़ने पर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया . स्थानीय पुलिस को बुलाया गया और डीएसपी वरिंदर सिंह की शिकायत पर एआईजी मालविंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ मोहाली फेज-आठ के थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला) और 183 (लोक सेवक से उलझना), 323 (मारपीट करने ) और 506 (जान से मारने की धमकी देना) के तहत केस दर्ज किया गया .
जिस वक्त विजिलेंस मुख्यालय ( vigilance headquarters) में उनसे पूछताछ चल रही थी उस वक्त एआईजी मालविंदर सिंह की पत्नी और बच्चों ने मुख्यालय के बाहर पहुंचकर प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि एआईजी को सुबह ही पूछताछ के लिए बुला लिया था लेकिन शाम तक उन्हें नहीं छोड़ा गया व न ही उनके बारे में कुछ सही से बताया गया है . उनके फोन भी बंद रहे. परिवार का कहना था एआईजी सिद्धू को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है.
झूठे केस में फंसाने का आरोप :
एआईजी मालविंदर सिंह ने कुछ दिन पहले ही मोहाली प्रेस क्लब ( mohali press club) में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें उन्होंने ने विजिलेंस ब्यूरो के एआईजी मनमोहन सिंह के रीडर रणजीत सिंह पर आरोप लगाया था कि वह उन्हें किसी झूठे मामले में फंसाना चाहते हैं. रणजीत सिंह उनका रिश्तेदार है.
उधर, विजिलेंस ब्यूरो ( vigilance bureau) के अधिकारियों के मुताबिक मालविंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ पटियाला जिले में विजिलेंस के एआईजी रहते हुए अधिकारियों से रिकॉर्ड लेकर झूठी संपत्तियां बनाने की जानकारी है. उन पर कई अधिकारियों को परेशान करने का भी आरोप है. इसके कारण विजिलेंस विभाग ने उनके खिलाफ सोर्स रिपोर्ट तैयार की है और डीजीपी से अनुमोदन के लिए है.