असम पुलिस में तैनात उन पुलिसकर्मियों के लिए अब आपनी सेवा को लेकर फ़िक्र करने की ज़रूरत है जो लापरवाही या बुरी आदतों के कारण अब तक अपने जिस्म का सही से ख्याल नहीं रख रहे थे. आने वाली 15 अगस्त तक ऐसे पुलिसकर्मियों ने अगर सेहत में सुधार करके मोटापा कम न किया तो उनको पुलिस की सेवा छोड़नी पड़ सकती है. ऐसा अल्टीमेटम खुद असम पुलिस के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने दिया है. इसके पीछे मकसद है कि राज्य की पुलिस को जनता की सेवा के लिए चुस्त दुरुस्त बनाया जाए. इसके लिए जो मापदंड तय किया गया है वो बॉडी मास इंडेक्स body mass index है जोकि 30 से कम होना चाहिए .
एक सर्वे के मुताबिक़ असम पुलिस में तकरीबन 600 ऐसे पुलिसकर्मी हैं जो इस आदेश से प्रभावित हो सकते हैं. इनमें मोटापे के लक्षण पाए गए हैं. आदेश में कहा गया है कि आगामी 15 अगस्त को सभी पुलिसकर्मियों का बीएमआई (BMI)का डाटा इकट्ठा किया जाएगा. जिसका बीएमआई 30 से ज्यादा होगा यानि जो मोटापे का शिकार पाया जाएगा उसे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS ) लेने को कहा जाएगा. इस आदेश में कुछ उन पुलिसकर्मियों को छूट रहेगी जो थायराइडिज्म thyroidism या सेहत संबंधी ऐसे किसी विकार या रोग से प्रभावित होने के कारण मोटापे की श्रेणी में हैं .
असम पुलिस के प्रमुख और 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह ने ट्वीट सन्देश के जरिए इस आदेश को सार्वजनिक किया है. लेकिन इसमें उन्होंने इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री के निर्देशों का हवाला दिया है. उन्होंने कहा है कि ये आदेश सब पर लागू होगा चाहे वो असम पुलिस में तैनात साधारण पुलिसकर्मी हो , आईपीएस अधिकारी हो या राज्य पुलिस सेवा यानि एएसपी (ASP) का अधिकारी हो. इसमें जीपी सिंह ने खुद को भी शामिल किया है. असम मेघालय कैडर के आईपीएस जी पी सिंह को फरवरी 2023 में ही असम पुलिस की कमान सौंपी गई थी. महानिदेशक बनाए जाने से पहले दिसंबर 2019 में जीपी सिंह को तब असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था ) के पद पर नियुक्त किया गया था जब सीएए (CAA) विरोध का आन्दोलन शुरू होने पर यहां हलात बिगड़ रहे थे. तब असम लौटने से पहले आईपीएस जी पी सिंह दिल्ली में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे . वे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA ) में आईजी थे और उससे पहले उस स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) में थे जो प्रधानमन्त्री , उनके परिवार के सदस्यों और पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र गठित किया गया.
ताज़ा आदेश में कहा गया है कि 15 अगस्त को जिन पुलिसकर्मियों को मोटापे का शिकार पाया जाएगा उन्हें अपना वजन कम करने के लिए 3 महीने की मोहलत दी जाएगी. नवंबर में उनकी फिर से जांच होगी . इसके बाद भी वो मोटे पाए गए तो नौकरी छोडनी पड़ सकती है. ये नियम असम पुलिस (assam police) की तमाम यूनिटों में तैनात कार्मिकों पर लागू होगा.
असल में असम पुलिस ने अपनी विभिन्न बटालियन और यूनिटों में तैनात उन पुलिसकर्मियों की जानकारी जमा करके लिस्ट बनाई थी जोकि मोटापे के शिकार हैं. 70 हज़ार पुलिसकर्मियों वाली इस फ़ोर्स ऐसे 680 नाम सामने आए यानि कि पूरे बल का तकरीबन 1 प्रतिशत. इनमे कई पुलिसकर्मी शराब की लत या खाने पीने की बुरी आदतों के कारण मोटापे का शिकार हुए और कइयों के मोटे होने की वजह खराब जीवन शैली या लापरवाही भी हो सकती है. कुछ को हो सकता है कि थायराइड या सेहत संबंधी ऐसी कोई समस्या हो. सबका बीएमआई कराने के साथ ये जानकारी भी जमा की जाएगी. 16 अगस्त को जीपी सिंह अपना बीएमआई भी कराएंगे.
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