भारत की पुलिस को साइबर अपराध और साइबर अपराधियों से निपटने में मदद करने वाले दो अहम औज़ार मिले हैं . इनमें से एक है भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) जिसकी अनुमानित लागत 400 करोड़ रूपये से भी ज़्यादा है और दूसरा है राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल . इन दोनों की औपचारिक शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में की. उन्होंने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र का उद्घाटन किया और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल भी राष्ट्र को समर्पित किया. यह अत्याधुनिक केंद्र नई दिल्ली में ही है.
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना की योजना अनुमानित लागत 415.86 करोड़ रुपये के साथ अक्टूबर 2018 में अनुमोदित की गई थी. यह योजना व्यापक और समन्वित तरीके से सभी प्रकार के साइबर अपराध से निपटने के लिए हैऔर इसके सात घटक हैं, जैसे कि नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल, नेशनल साइबर क्राइम ट्रेनिंग सेंटर, साइबर क्राइम इकोसिस्टम मैनेजमेंट यूनिट, नेशनल साइबर क्राइम रिसर्च एंड इनोवेशन सेंटर, नेशनल साइबर क्राइम फॉरेंसिक लैबोरेट्री ईको सिस्टम और प्लेटफॉर्म फॉर ज्वाइंट साइबर अपराध जांच दल.
एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़ के 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने संबंधित राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में क्षेत्रीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र स्थापित करने के लिए अपनी रज़ामंदी दी है. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) एक नागरिक-केंद्रित पहल है जो पोर्टल के माध्यम से नागरिकों को साइबर अपराधों की ऑनलाइन रिपोर्ट करने में सक्षम बनाएगी. सभी साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए एक्सेस उपलब्ध है. यह पोर्टल 30 अगस्त, 2019 को पायलट आधार पर शुरू किया गया था.
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCCRP ) महिलाओं, बच्चों, विशेष रूप से बाल पोर्नोग्राफी, बाल यौन शोषण सामग्री, बालात्कार और सामूहिक बालात्कार से संबंधित ऑनलाइन सामग्री, आदि के खिलाफ अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी साइबर अपराधों को दर्ज करने में सक्षम बनाता है.
विज्ञप्ति में दिए गये आंकड़ों के मुताबिक़ अब तक, इस पोर्टल के साथ 700 से अधिक पुलिस जिले और 3,900 से ज़्यादा थाने जुड़े हुए हैं. सफल कार्यान्वयन के बाद, यह पोर्टल मामलों की जांच करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता में सुधार कर सकता है और अपराधियों को सज़ा दिलाने में मददगार होगा . यह पोर्टल वित्तीय अपराधों और सोशल मीडिया से संबंधित अपराधों जैसे कि स्टाकिंग, साइबर बुलीइंग आदि जैसे अपराधों पर भी ध्यान केंद्रित करता है. माना जा रहा है कि राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल एक समन्वित तरीके से साइबर अपराधों से निपटने के लिए विभिन्न राज्यों, जिलों और थानों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय में और प्रभावी तरीके से सुधार करेगा.
भविष्य में, यह पोर्टल साइबर क्राइम की रोकथाम और पोर्टल पर घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए जनता को स्वचालित इंटरैक्टिव सहायता प्रणाली के लिए चैटबॉट मुहैया कराएगा.